इस मामले में गृह मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती वहां की सुरक्षा की स्थिति और फेरबदल की जरूरत पर आधारित होती है और ऐसी बातों पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा नहीं की जा सकती।
सूत्रों ने कहा, 'आंतरिक सुरक्षा स्थिति, प्रक्षिक्षण की आवश्यकताओं, आराम एवं स्वस्थ हो जाने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती में फेरबदल की जरूरत, केंद्रीय बलों की तैनाती एवं वापसी एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।' उन्होंने कहा कि तैनाती और किसी खास क्षेत्र में तैनात अर्द्धसैनिक बलों की गतिविधि के ब्योरे पर सार्वजनिक तौर पर कभी भी चर्चा नहीं की जाती।
बता दें कि इससे पहले ये खबर सामने आई थी कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की 280 से अधिक कंपनियां तैनात की जा रही हैं। कहा जा रहा था कि सुरक्षा बलों को शहर के अतिसंवेदनशील इलाकों तथा घाटी की अन्य जगहों पर तैनात किया जा रहा है। इनमें अधिकतर सीआरपीएफ कर्मी हैं। कहा जा रहा था कि देर शाम अचानक 280 से अधिक कंपनियों (28,000 सुरक्षा कर्मियों) को घाटी में तैनात किया गया है, लेकिन ऐसा करने के पीछे का कारण नहीं बताया गया। शहर में प्रवेश और बाहर निकलने के सभी रास्तों को केन्द्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया गया है। स्थानीय पुलिस की महज प्रतीकात्मक उपस्थिति है। हालांकि, अब ऐसी किसी भी तैनाती से गृहमंत्रालय ने इनकार किया है।
नई दिल्ली, एबीपी गंगा। कश्मीर में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की खबर का गृह मंत्रालय ने खंडन किया है। गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि राज्य में 100 कंपनियों (10,000 सैनिकों) को तैनात करने का ऑर्डर एक हफ्ते पहले दिया गया था। फिलहाल, फोर्स अपने-अपने गंतव्य पर पहुंच रही है। इसी वजह से अतिरिक्त फोर्स लगाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। गृह मंत्रालय के सूत्र ने फोर्स के इस आवागमन को रेग्युलर प्रोसेस बताया है।