गोरखपुर: वैश्विक महामारी से अंतिम लड़ाई के लिए तैयार कोविड-19 की 28,000 डोज स्पाइस जेट की फ्लाइट से मुंबई से 13 जनवरी को गोरखपुर पहुंच गई. 16 जनवरी को 20 केन्द्रों पर टीकाकरण होना है. पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा. यह सभी टीके जिला चिकित्सालय में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के पास बने भंडारण गृह में पुलिस की सुरक्षा और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखे गये हैं. इन टीकों को पुलिस की निगरानी में जिले के अलग-अलग हिस्सों में बने 38 कोल्ड चेन प्वाइंट तक पहुंचाया जाएगा.
26 हजार स्वास्थ्य कर्मियों को लगेगा टीका
16 जनवरी को प्रथम चरण में स्वास्थ्यकर्मियों का 20 टीकाकरण केंद्रों पर कोविड टीकाकरण किया जाएगा. टीकाकरण चरणबद्ध ढंग से ही होगा और अभी इसकी पहली डोज सिर्फ जिलेभर के करीब 26,000 स्वास्थ्यकर्मियों को लगने जा रही है. जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नीरज कुमार पांडेय को टीकाकरण के संबंध में समुचित प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देशित किया जा चुका है. इस कार्य में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनीसेफ, CHAI और यूएनडीपी के प्रतिनिधि तकनीकी सहयोग देंगे. फिलहाल सिर्फ सरकारी और निजी क्षेत्र के कोविन पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके, स्वास्थ्यकर्मियों को ही टीका लगेगा.
28 दिन की भीतर लगेगी दूसरी खुराक
गैर पंजीकृत लोगों को टीका नहीं लगाया जाएगा. शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के अनुसार आने वाले समय में फ्रंटलाइन कर्मचारी, 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, एचआईवी और कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त लोगों का पंजीकरण करने के बाद ही टीकाकरण की सुविधा मिल सकेगी. इसलिए फिलहाल कोविड-19 से बचाव के लिए सतर्कता ही एक बेहतर विकल्प है. वैक्सीन की एक खुराक लेने के 28 दिन के भीतर ही दूसरी खुराक भी दी जानी है.
कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक प्राप्त करने के दो सप्ताह बाद आमतौर पर एंटीबॉडी का सुरक्षात्मक स्तर विकसित होता है. जो स्वास्थ्यकर्मी टीके की पहले खुराक प्राप्त करेंगे, उन्हें भी एंटीबॉडी विकसित होने तक सतर्कता का यह व्यवहार जारी रखना होगा. यद्यपि कोविड-19 के मामले लगातार कम हो रहे हैं, बावजूद इसके संपूर्ण प्रतिरक्षण होने तक सभी को सतर्क रहना चाहिए.
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