फर्जी पुलिस अफसर और एसटीएफ बनकर लोगों को ठगने वाले 3 शातिर बदमाश गिरफ्तार
एसटीएफ ने बड़े नोटों के बदले 20 प्रतिशत ज्यादा छोटे नोट का लालच देकर लोगों को जाल में फंसाते वाले समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला पंचायत के तीन सदस्य गिरफ्तार हो गए.
एसटीएफ ने गोमतीनगर इलाके से समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला पंचायत सदस्य अजीत मौर्या समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि तीनों बड़े नोटों के बदले 20 प्रतिशत ज्यादा छोटे नोट का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे और उनका रुपया छीन कर भाग जाते थे. गिरोह के पास से लूटे गए साढ़े चार लाख रुपए, मोबाइल फोन एक एसयूवी और एक बाइक बरामद हुई है.
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि अजीत मौर्या मूल रूप से गोंडा के मनकापुर का रहने वाला है. वह गोंडा से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है. उसके साथ उन्नाव के मौरावां निवासी विजय प्रधान और फतेहपुर के राशिद अहमद उर्फ अजय शर्मा को पकड़ा गया है.
20 प्रतिशत अधिक छोटे नोट देने का लालच देकर डॉक्टर को बुलाया था
विजय प्रधान मूल रूप से सिक्किम के जोरथांग का रहने वाला है. तीनों को एसटीएफ ने गोमतीनगर स्थित बैडमिंटन एकेडमी के गेट से गिरफ्तार किया है. पूछताछ में राशिद अहमद उर्फ अजय ने बताया कि उसने 8 अगस्त को डॉक्टर पार्थ को बड़े नोटों के बदले 20 प्रतिशत अधिक छोटे नोट देने का लालच देकर लोहिया पार्क के पास बुलाया था.
डॉक्टर 6 लाख रुपए लेकर आए उन्हें 7.20 लाख रुपये देने का लालच दिया गया था. डॉक्टर जैसे ही लोहिया पार्क पहुंचे, वहां राशिद अहमद, विजय प्रधान और अजीत मौर्य आ गए और डॉक्टर से रुपया छीन लिया. रुपया छीनकर पुलिस के आने का शोर मचाते हुए तीनों वहां से भाग निकले. इसी तरह 15 अगस्त को भी वाराणसी के राजेंद्र सिंह से तीनों ने 32 हज़ार रुपये लूटे थे.
शहरों में 25 से अधिक गुर्गे होने की जानकारी दी
पूछताछ में तीनों बदमाशों ने बताया कि वह महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार के अलावा कानपुर और वाराणसी में इस तरह की कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं. तीनों ने यूपी के अलग-अलग शहरों में 25 से अधिक गुर्गे होने की जानकारी दी. शातिरों ने बताया कि अपने गुर्गों के माध्यम से सीधे-साधे लोगों को बड़ी नोटों के बदले 20 प्रतिशत अधिक छोटी नोटों का लालच देकर जाल में फंसाते थे. जब लोग पैसा लेकर आते तो फिर उनके अन्य साथी एसटीएफ या पुलिसकर्मी बनकर मौके पर आ जाते और रुपया लूट कर भाग जाते.
अक्सर ठगी या लूट के शिकार लोग बदनामी के डर से एफआईआर नहीं कराते थे. अजीत मौर्य शातिर ठग है और कृष्णानगर से ठगी के एक मामले में जेल भी जा चुका है. कोविड-19 के दौरान वह पैरोल पर जेल से छूटकर ठगी का धंधा कर रहा था. तीनों ठगों को गोमतीनगर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है.
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