गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और आसपास के जिलों में रहने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है. गोरखपुर एम्‍स में नए साल की शुरुआत यानी जनवरी माह से 300 बेड का अस्‍पताल शुरू हो जाएगा. पूर्व केन्‍द्रीय वित्‍त राज्‍यमंत्री और राज्‍यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्‍ला के दौरे के वक्त एम्‍स प्रशासन ने इस बात का आश्‍वासन दिया है. वर्तमान समय में एम्‍स में सिर्फ ओपीडी ही चल रही है. ऐसे में गोरखपुर और आसपास के जिलों के मरीजों को आपरेशन और भर्ती होने के लिए शहर से बाहर या फिर निजी चिकित्‍सालयों का रुख करना पड़ता रहा है.


जनवरी से शुरु होगा 300 बेड का अस्पताल


पूर्व केन्‍द्रीय व‍ित्‍त राज्‍यमंत्री और राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ल ने गोरखपुर एम्‍स का निरीक्षण किया. उन्‍होंने एम्‍स प्रशासन से इंडोर और आउटडोर काम की प्रगति का हाल जाना. उन्‍होंने अंदर और बाहर दोनों कार्यों को शीघ्र निस्‍तारित करने की बात कही. उन्‍होंने कहा कि जरूरत पड़ेगी, तो वे कार्यदायी संस्‍था के अधिकारियों से भी वार्ता करेंगे. जिससे काम जल्‍द से जल्‍द पूरा हो सके. इसके साथ ही लोगों की मुश्किलें भी कम हो सकें. उन्‍होंने आश्‍वस्‍त करते हुए कहा कि एम्‍स प्रशासन से उनकी बात हुई है. ये आश्‍वासन मिला है कि जनवरी माह से 300 बेड का अस्‍पताल शुरू हो जाएगा. उन्‍होंने बताया कि इसके लिए वे प्रयासरत हैं.


यूपी, बिहार व नेपाल के लिये प्रतिष्ठित संस्थान


उन्‍होंने निरीक्षण करने के बाद गोरखपुर एम्स की निदेशक डा. सुरेखा किशोर और एम्स की टीम के साथ बैठक की. इस दौरान राज्यसभा सांसद ने एम्स द्वारा दी जा रही फैसिलिटी के बारे में जानकारी ली. बैठक के बाद उन्होंने कहा कि एम्स पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल के लिए बहुत प्रतिष्ठित संस्थान है. ऐसी स्थिति में यहां के और दूर की व्यवस्था को देखना था, हमें यह समझना था कि इनडोर हम कब शुरू कर सकते हैं. ये तभी संभव होगा, जब हम एम्स के प्रशासन के साथ मिलकर एक बैठक करें.


मरीजों को होगी सहूलियत


उन्‍होंने कहा कि एलएंड टी के लोगों को भी मैंने बुलाया था. हमने कहा है कि जल्द से जल्द इनडोर को शुरू किया जाए. जो जनवरी में शुरू होने की संभावना है. जनवरी में 300 बेड की इंडोर व्यवस्था शुरू की जाएगी. इससे यहां और आसपास के मरीजों को भी बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा. शिव प्रताप शुक्‍ला ने कहा कि एम्‍स प्रतिष्ठित संस्‍थान है. उन्‍होंने कहा कि कोविड-19 के बावजूद गोरखपुर एम्‍स ने एमबीबीएस के विद्यार्थियों की परीक्षा भी ले ली. जबकि अन्‍य जगहों पर ऐसा नहीं हो सका. ये हर्ष का विषय है.


उन्‍होंने कहा कि बिल्डिंग तैयार नहीं है. ये ही कमियां हैं. उन्‍होंने कहा कि कमियां हैं. ओपीडी चल रही है. लेकिन, 300 बेड का अस्‍पताल नहीं मिलने के कारण लोगों को पीजीआई और अन्‍य संस्‍थानों की ओर जाना पड़ रहा है. यही वजह है कि हमने समय सीमा तय की है.


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