नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार ग्राम पंचायतों में होने वाले पंचवर्षीय चुनावों को लेकर भले ही गंभीर हो लेकिन इस चुनाव को पारदर्शी बनाने के लिए लगाए गए कर्मचारी ही अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार नहीं हैं. दरअसल, प्रदेश के सिद्धार्थ नगर में मतदाता सूची सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर की गई गड़बड़ी का मामला सामने आने लगा है.


जिले के इटवा तहसील क्षेत्र के ग्राम बिरवापुर में 32 ऐसे लोग हैंजिनकी मौत हो चुकी है. लेकिन इनके नाम को सूची से नहीं हटाया गया है. मतदाता सूची में ऐसी गड़बड़ी से चुनाव में असर पड़ सकता है. लोग अब प्रशासन से मामले की जांच करने की मांग कर रहे हैं.


बीएलओ पर लग रहा गड़बड़ी का आरोप


गांव के बीएलओ शिव कुमार प्रजापति पर आरोप लग रहे हैं. उनपर मतदाता सूची में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने मृतक मतदाताओं के नाम जहां नहीं हटाएवहीं करीब 42 ऐसी लड़कियों के नाम हैंजिनकी शादी हो चुकी है और वह अपने ससुराल जा चुकी हैं. इस मामले में प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव निष्पक्ष तरीके से करा पाना आसान नहीं होगा.



ग्रामीणों ने प्रशासन से की शिकायत 


ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी की है कि मो. अलीकलावमीरामरतीविमलाहनीफकयूमजमीरूल्लाहजगदीशबसंती देवी सहित 32 लोगों के ऐसे नाम प्रकाशित वोटर लिस्ट में हैजो मृत हैं और इन लोगों का नाम सूची से नहीं हटाया गया है. इसी प्रकार इसराजुन्निसांशबाना खातूनशरातुन्निसांनियमापुनीतापरवीनमहिमासुनीतापिकीसोनी ऐसी 42 लड़कियों के नाम सूची में दर्ज हैजिसकी शादी हो चुकी है. मतदाता सूची पुनरीक्षण में इनका नाम न कटना बीएलओ को कटघरे में खड़ा कर रहा है.


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