लखनऊ. शैलेश अरोड़ा. कोरोना वायरस अब इमरजेंसी सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित करने लगा है. पहले पुलिस विभाग की 112 सेवा और अब स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एंबुलेंस सेवा. प्रदेश में एंबुलेंस सेवा देने वाली कंपनी GVK EMRI के कॉल सेंटर में 32 कर्मचारियों को कोरोना होने से हड़कंप मच गया है. इस कॉल सेंटर को 48 घंटे के लिए सील कर दिया गया है. एंबुलेंस सेवा का कॉल सेंटर सील होने से प्रदेश में 48 घंटे के लिए एंबुलेंस सेवा प्रभावित होना तय है।
10 से 12 हजार लोगों को मिलती है सुविधा
एंबुलेंस सेवा के दो नंबर हैं, 102 और 108. जिस बिल्डिंग को सील किया गया है वहां 102 एंबुलेंस सेवा का कॉल सेंटर चलता है. 270 सीट के इस कॉल सेंटर में प्रदेश भर से रोजाना लगभग 35 से 40 हज़ार कॉल आते हैं. वहीं, करीब 10 से 12 हजार लोगों को रोजाना एंबुलेंस सेवा दी जाती है. एंबुलेंस सेवा 102 मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए है. खास बात ये भी की इस एंबुलेंस सेवा में मरीज को सिर्फ अस्पताल नही ले जाया जाता, बल्कि अस्पताल से घर छोड़ने की भी सुविधा मिलती है.
कंपनी ने की वैकल्पिक व्यवस्था
एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी के प्रवक्ता सुनील यादव ने बताया कि लोगों को समस्या न हो इसके लिए 102 नंबर के इस कॉल सेंटर पर आने वाली कॉल्स को 108 एंबुलेंस सर्विस के कॉल सेंटर में ट्रांसफर कर दिया गया है. 108 नंबर के कॉल सेंटर पर पूरा एक फ्लोर 102 के लिए कर दिया गया है.
भारी पड़ सकते हैं 48 घंटे
कंपनी कुछ भी कहे, लेकिन इतने कॉल्स को दूसरे कॉल सेंटर में ट्रांसफर कर हैंडल करना आसान नहीं. अभी से लोगों को 102 नंबर पर कॉल लगने में समस्या आने लगी है. जाहिर है कि अगले 48 घंटे उन लोगों के लिए दिक्कत भरे हो सकते हैं जिन्हें इस दौरान एंबुलेंस की जरूरत पड़ेगी. यही वजह है कि कंपनी कुछ और विकल्प भी तलाश रही है.