लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 12 जिलों के 331 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और राज्य सरकार ने शनिवार को स्थिति को पूरी तरह नियंत्रण में बताया. राज्य के वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि 12 जनपद के 331 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं तथा दो जनपद लखनऊ से पश्चिम और दस जनपद लखनऊ से पूरब हैं. उन्होंने कहा, 'अभी तक कोई चिन्ताजनक स्थिति नहीं है, स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.'
उन्होंने बताया कि बाराबंकी, अयोध्या, कुशीनगर, गोरखपुर, बहराइच, आजमगढ, गोण्डा, संत कबीरनगर, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर ये दस जनपद लखनऊ से पूरब के हैं एवं लखीमपुर और सीतापुर लखनऊ से पश्चिम के जनपद हैं.
331 गांव बाढ़ प्रभावित
खन्ना ने बताया, "331 गांवों की लगभग एक लाख 90 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. तीन नदियां खतरे के स्तर से उपर बह रही हैं , जो हमारे पास सूचना है, उसके हिसाब से शारदा नदी पलियांकलां और लखीमपुर में, राप्ती नदी बर्डघाट ,गोरखपुर, राप्ती बैराज :श्रावस्ती: में, सरयू-घाघरा एल्गिनब्रिज :बाराबंकी:, अयोध्या तथा तुर्तीपार :बलिया: में खतरे के निशान के उपर बह रही हैं. वर्तमान में प्रदेश के जितने भी तटबंध हैं, हालांकि वे सब सुरक्षित हैं."
उन्होंने कहा, 'लेकिन प्रदेश सरकार ने पूरी तन्मयता से राहत कार्य किये हैं. निश्चित रूप से हमने हर प्रकार से, चाहे आश्रय स्थल हों, चाहे राहत सामग्री वितरित करने की बात हो, तिरपाल वगैरह की व्यवस्था हो, नाव की व्यवस्था हो, बाढ़ चौकी की व्यवस्था हो .... हर प्रकार से सरकार ने पूरी कोशिश की है कि इस बाढ का प्रभाव आम जनता पर कम से कम पड़े और उसे ज्यादा से ज्यादा राहत हम पहुंचा सकें इसलिए सारी व्यवस्थाएं सरकार की ओर से की गयी हैं. मुख्यमंत्री ने इस बात का निर्देश दिया है.'
खाद्यान्न की पांच हजार किट दी गयीं
उन्होंने बताया कि खाद्यान्न की लगभग पांच हजार किट बाढ़ प्रभावित लोगों को दी गयी हैं. इस किट में आटा, दाल, चावल, रिफाइंड सहित 17 चीजें हैं. इसके अलावा पिछले 24 घंटे में 4925 फूड पैकेट बांटे गये. अब तक कुल 7600 पैकेट वितरित किये जा चुके हैं.
खन्ना ने बताया कि 4435 मीटर के तिरपाल दिय गये हैं. कुल 30, 601 मीटर के तिरपाल वितरित किये गये हैं. 654 नौकाएं लगायी गयी हैं. 647 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी हैं. इसके अलावा एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी तैनात की गयी है. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए इस तरह की व्यवस्था की गयी है.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष रूप से निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा जनपद के वरिष्ठ अधिकारी स्वयं करें और जहां जैसी आवश्यकता हो, तत्काल राहत सामग्री पहुंचायी जाए. अगर बाढ़ प्रबंधन व्यवस्था में किसी प्रकार की लापरवाही या कोताही होगी तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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