पीलीभीत में डेंगू के चलते अबतक 36 की मौत, सीएमओ ने कहा अन्य वजहों से हुई मौतें
पीलीभीत में डेंगू जानलेवा होता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक अबतक 35 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। हैरानी की बात ये है कि सीएमओ इन सबसे अंजान बने हुये हैं और कह रहे हैं कि अन्य वजहों से मौतें हो रही हैं
पीलीभीत, एबीपी गंगा। पीलीभीत में महामारी के चलते डेंगू से अब तक करीब 36 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं लगातार हो रही मौतों से स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है। जिले में डेंगू के बढ़ते कहर को लेकर जिलाधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए सभी एसडीएम व तहसीलदारों को डेंगू व महामारी संबंधित मॉनीटरिंग का आदेश दिया है।
पीलीभीत में मरीजों की बढ़ती संख्या बता रही है कि जिले में डेंगू महामारी बनकर फैल रहा है। इन दिनों जिला अस्पताल में हर रोज करीब 1500 से 2000 मरीजों की जांच कर आडिट किया जा रहा है। वहीं जिला अस्पताल द्वारा बनाया गए डेंगू वार्ड में मरीजों के लिए बेड की सुविधा तक नहीं उपलब्ध हो पा रही है।
जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुये कहा कि इन दिनो डेंगू का प्रकोप बढता दिखाई दे रहा है, जिसके लिए शहर में सभी एसडीएम व तहसीलदारों को सफाई व्यवस्था व स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। इस बीच जिले की मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीमा अग्रवाल की माने तो अब तक शहर में 36 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, लेकिन इन लोगों की मौत में ड़ेंगू से नहीं है इनमें कुछ लोगों की मौत टायफायड, मल्टीपर्पस आर्गन व कैंसर से मौत का कारण बता दिया।
सीएमओ की माने तो जिले में फैल रही बीमारियों से मौत तो हुई है लेकिन इन्हें डेंगू नहीं हुआ। उन्होंने तमाम अन्य बीमारियों से मौत का होना बताया है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिलाधिकारी ने डेंगू के कहर के रोकथाम के आदेश दिए हैं। जिसके बाद पीलीभीत प्रशासन से लेकर पालिका के कर्मचारियों ने कमर कस ली है फिर चाहे जिला अस्पताल में मरीजों के सैम्पल लेकर सभी के ब्लड सैंपल जांच कराई जा रही हो या फिर जिले में सख्ती के बाद सभी वार्डों में फॉगिंग। आखिर ये सब सुविधाएं जिला प्रशासन पहले ही उपलब्ध करा सकता था जिससे शायद इन दिनों फैल रहे बीमारियों से मौतों का सिलसिला थम जाता।
समाजसेवी प्रदीप सोनकर का कहना है कि जिला प्रशासन ने अब तक डेंगू से बचने के कोई उपाय नहीं किये। जिसके चलते डेंगू से अब तक शहर में 35 से ज्यादा मौत हो चुकी हैं। जिस पर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को ध्यान देना चाहिए। यूपी सरकार के सेवाओं के दावे को हवा में बता दिया ।