श्रावस्ती में 4 बच्चों की मौत पर जमकर हंगामा, डॉक्टर ने कहा- 'मरते हैं तो मरने दो'
श्रावस्ती जनपद में चार नवजात बच्चों की मौत हो गई और कई माताओं की गोद सूनी हो गई. बच्चों की मौत के बाद अस्पताल में परिजनों ने जमकर हंगामा काटा.
कहते हैं डॉक्टर भगवान के रूप होते हैं पर ये जब क्रूर बन जाएं तो जान पर बन आती है. ऐसा ही मामला श्रावस्ती जनपद में हुआ, जहां जिला संयुक्त अस्पताल में बने एनआईसीयू में भर्ती चार नवजात बच्चों की मौत हो गई और कई माताओं की गोद सूनी हो गई. बच्चों की मौत के बाद अस्पताल में परिजनों ने जमकर हंगामा काटा.
श्रावस्ती जनपद के संयुक्त जिला अस्पताल भिनगा में 4 नवजात शिशुओं की डॉक्टर की लापरवाही के चलते मौत हो गई. आरोप है कि बच्चों की हालत गंभीर होने पर उन्हें एनआईसीयू में रखा गया था. वहां भी मासूमों की हालत खराब होने लगी तो परिजनों ने डॉक्टर इमरान मोहिद को फोन किया. इस पर डॉक्टर साहब ने लापरवाही भरा जवाब देते हुए कहा कि मरते हैं तो मरने दो. यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है.
जब डॉक्टर इस तरह जवाब दे तो बच्चों का क्या होगा. आखिर वही हुआ जो डॉक्टर साहब ने भविष्यवाणी की थी और चार बच्चों की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा.
इस तरह डॉक्टर की लापरवाही से एक साथ चार बच्चों की मौत हो गई और चार माताओं की गोद सूनी हो गई. ऐसे लापरवाह डॉक्टरों के ऊपर आखिर कार्रवाई क्यों नहीं होती, यह अपने आप में सवाल है. दूसरी ओर सीएमएस जेठा सिंह का कहना है कि केवल दो बच्चों की मौत ही हुई है.