रायबरेली: कोरोना की भयावह स्थिति के बाद जहां एक तरफ अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड नहीं थे. वहीं, दूसरी तरफ शासन व जिला प्रशासन की कड़ी मशक्कत के बाद मुंशीगंज के एम्स में 50 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल का निर्माण कराया गया. जहां सीएमओ के रेफेरल  मरीज भर्ती होकर अपना इलाज करा सकेंगे. इसके उद्घाटन के दौरान अस्पताल के अधिकारियों व डॉक्टरों ने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई. जिस तरह पास पास खड़े थे उससे कोरोना मरीजों के बढ़ने के आसार साफ नजर आए.


उद्धाटन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां


मुंशीगंज स्थित एम्स अस्पताल में 50 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल का शुभारंभ सोमवार को कर दिया गया. जिसका फीता काटकर एम्स के सीईओ अरविंद राजवंशी ने उद्घाटन किया. इस दौरान वहां सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ती रहीं. लोग आसपास ऐसे खड़े थे जैसे कोरोना नाम का कोई वायरस हो ही ना. एम्स में एल 3 अस्पताल का शुभारंभ हुआ. जिसमें कोविड-19 के गंभीर मरीज भर्ती होंगे. यहां आईसीयू  के 12 बेड तो ऑक्सीजन वाले 38 बेड बनाए गए हैं. उसमें अत्याधुनिक मशीनों से मरीजों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाएगा.


एम्स के सीईओ के सामने लापरवाही दिखे लोग


शासन और प्रशासन की तरफ से लगातार सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, 2 गज की दूरी जैसे ढेर सारे कोविड नियमों का हवाला दिया जाता है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ही इन सारे नियमों की धज्जियां उड़ाने से बाज नहीं आ रहा है. एम्स में एल 3 अस्पताल के उद्घाटन के समय एम्स के सीईओ के सामने ही सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ी. वहां के अधिकारी व डॉक्टर के साथ उपस्थित अन्य लोग कोविड नियमों का उल्लंघन करते दिखाई दिए. जहां कोविड नियमों का पालन करने से कोरोना जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव की बात कही जा रही है, वहीं सोशल डिस्टेंसिंग व कोविड नियमों को तार-तार करते हुए एम्स के अधिकारियों ने कोरोना को और बढ़ावा देने का काम किया है. अगर एम्स के डॉक्टर व अधिकारी ही इन नियमों को नहीं मानेंगे तो आखिर कैसे आम लोगों को नियमों का पालन करने की नसीहत देकर उनको स्वस्थ रखने में अपना योगदान दे पाएंगे. 


यहां 50 बिस्तर वाला अस्पताल शुरू किया गया है. जिसमें 12 आईसीयू और 38 ऑक्सीजन वाले बेड मौजूद हैं. यहां पर उन्हीं मरीजों को भर्ती किया जाएगा, जिसको जिला अस्पताल के सीएमओ सीएमएस रेफर करके भेजेंगे. हमारे पास कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त स्टाफ मौजूद है. हम उनका इलाज करेंगे. आगे आवश्यकतानुसार बेडो की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.


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