गाजियाबाद. हाथरस में दलित युवती के साथ कथित गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में यूपी सरकार विपक्ष के निशाने पर लगातार है. वहीं, गाजियाबाद में इस घटना के विरोध में दलित समुदाय के तकरीबन 200 से ज्यादा लोगों ने धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म अपना लिया. साहिबाबाद इलाके में एक हफ्ते पहले गांव में हुई एक सभा में ये फैसला लिया गया. हाथरस कांड के बाद यहां वाल्मिकी समाज के लोगों में जबरदस्त नाराजगी है.


गौरतलब है कि गाजियाबाद के करहेड़ा गांव में बस्तियों में रहने वाले 50 वाल्मीकि परिवार के 236 लोगों ने बाबा साहब अंबेडकर के परपोते राजरत्न अंबेडकर की मौजूदगी में धर्म परिवर्तन करते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया. इन परिवारों का कहना है कि उनकी उपेक्षा की जा रही है और कोई उनकी सुनने वाला नहीं है. हाथरस में हुई घटना इसी का नतीजा है. इस घटना के बाद वाल्मीकि समाज के लोगों में रोष है.


बौद्ध धर्म की दीक्षा का प्रमाण पत्र दिया गया
बीती 14 अक्टूबर को करहेड़ा गांव में वाल्मीकि समाज की एक सभा हुई थी. इसमें हाथरस मामले को मुद्दा बनाते हुए यह फैसला किया गया कि यहां मौजूद वाल्मीकि समाज के लोग बौद्ध धर्म अपनाएंगे. इन लोगों का कहना है कि उन्हें हर क्षेत्र में उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. गांववालों ने सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी समस्याओं का भी कोई समाधान नहीं किया गया. गांववालों को बौद्ध धर्म की दीक्षा का प्रमाण पत्र भी दिया गया.


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