UP News: उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कानून के तहत दर्ज हुए हैं 507 मामले, अब तक हुई है इतने लोगों की गिरफ्तारी
Lucknow News: धर्मांतरण कानून लागू होने के बाद से दर्ज हुए मामलों में अब तक 150 मामलों में पीड़ितों ने अदालत के सामने यह बात बताई है कि उनका धर्मांतरण जबरदस्ती करावाया गया है.
Lucknow: योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार ने 27 नवंबर, 2020 को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून लागू किया था. इसका मकसद अवैध धर्मांतरण को रोकना था. यह कानून लागू होने के बाद से प्रदेश में अब तक 291 मामले दर्ज हुए हैं. पुलिस ने इन मामलों में अबतक 507 लोगों को गिरफ्तार किया है.
कहां दर्ज हुआ था धर्मांतरण का पहला मामला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनात गैर कानूनी और दबाव डालकर कराए गए धर्मांतरण को लेकर काफी सख्त हैं. इसे रोकने के लिए योगी सरकार पहले अध्यादेश लेकर आई थी. इसे बाद में कानून का रूप दिया गया. इस कानून के तहत सबसे अधिक मामले अबतक बरेली जिले में दर्ज हुए हैं. प्रदेश में इस कानून के तहत पहला मामला बरेली में दर्ज किया गया था. इस कानून के तहत अमरोहा में दर्ज हुए एक मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा भी सुनाई जा चुकी है.
धर्मांतरण कानून लागू होने के बाद से दर्ज हुए मामलों में अब तक 150 मामलों में पीड़ितों ने अदालत के सामने यह बात बताई है कि उनका धर्मांतरण जबरदस्ती करावाया गया है. इसके अलावा प्रदेश में नाबालिगों के धर्मांतरण के अब तक 59 मामले दर्ज किए गए हैं.
धर्मांतरण के दोषी के लिए क्या है सजा
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण कानून के तहत दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को अपराध की गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है. इसके अलावा उसपर 15 हजार से 50 हजार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इतना ही नहीं अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को अपनी शादी को लेकर सूचना देनी पड़ती है.
वहीं इस कानून के तहत अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान है, जबकि जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा तीन से 10 साल और जुर्माना 50 हजार रुपये का है. कानून के मुताबिक अगर विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना था, तो ऐसी शादियों को अवैध करार दिया जाएगा. प्रदेश में दिव्यांग बच्चों के धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा भी हुआ है.
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