प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश की रफ्तार थम गई है. लेकिन, इस बीच 50 दिनों के इंतजार के बाद संगम नगरी प्रयागराज में आधी रात को पहली पैसेंजर ट्रेन पहुंची. नई दिल्ली से डिब्रूगढ़ जाने वाली इस ट्रेन से प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर 54 यात्री उतरे, जबकि 17 मुसाफिर इस ट्रेन पर आगे के सफर के लिए सवार हुए.


जो 54 यात्री प्रयागराज स्टेशन पर उतरे उनमें से तकरीबन आधे आसपास के दूसरे जिलों के रहने वाले थे. कोरोना की दहशत के बीच रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट सरीखे इंतजाम किये गए थे. जिन यात्रियों को ट्रेन पर सवार होना था, उन्हें लम्बी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा साथ ही यहां उतरने वाले मुसाफिरों को भी थर्मल स्क्रीनिंग और रिकॉर्ड दर्ज करने के बाद 14 दिनों के होम क्वारंटीन के नोटिस के साथ ही बाहर जाने दिया गया.


मुसाफिरों ने बताया कि उन्हें ट्रेन में कोई दिक्कत नहीं हुई. इंतजाम ठीक होने से उन्हें डर भी नहीं लगा. ज्यादातर लोगों ने ट्रेन चलाए जाने पर सरकार का शुक्रिया भी अदा किया. हलांकि, प्रयागराज पहुंचने के बाद अधिकरतर मुसाफिरों को घर तक जाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी. बस या टैक्सी के साथ रिक्शे की सुविधा न होने से लोग भटकते नजर आए. दूसरे जिलों में जाने वाले लोगों ने रात भर स्टेशन पर ही बिताने का फैसला किया और सुबह घर से कोई साधन मंगाने की बात कही.



शहर में रहने वाले कई लोगों को दस-बारह किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ा. प्लेटफार्म पर लम्बा वक्त गुजारने के बाद बाहर घर तक जाने का साधन नहीं मिलने से लोग खासे मायूस नजर आए। इन लोगों का कहना था कि सरकार ने अगर ट्रेनें शुरू की हैं तो लोगों को घर तक भेजे जाने की भी व्यवस्था भी करनी चाहिए थी.