1 मिनट में फायर होंगी 600 गोलियां, कानपुर स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री ने तैयार किया ये घातक हथियार
इस एरिया हथियार का वजन 9.7kg के आसपास है जिसे ट्रायपॉड पर माउंट किया जा सकता है. अपनी मारक क्षमता से नक्सलियों के और आतंकवादियों के दांत खट्टे करने में यह हथियार पूर्णतया सक्षम है.
कानपुर: कानपुर की स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री ने दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए एक और घातक हथियार तैयार कर लिया है. अपनी श्रेणी का अचूक हथियार LMG बेल्टफेट नक्सली इलाकों में और सरहदी इलाकों में अपनी मारक क्षमता के चलते दुश्मनों पर काल बनकर टूट सकता है. SAF और ADR पुणे ने इसे मिलकर तैयार किया है जो हर मौसम में देश के जवानों का सबसे बड़ा हथियार बनने के लिए तैयार है.
7.62×51mm एलएमजी यानी बेल्टफेट LMG. कानपुर की स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री में इस घातक हथियार को बड़ी मशक्कत के बाद तैयार किया गया है. अपनी श्रेणी में अकेली इस लाइट मशीन गन का कोई जोड़ नहीं है. अपनी मारक क्षमता से नक्सलियों के और आतंकवादियों के दांत खट्टे करने में यह हथियार पूर्णतया सक्षम है.
आखिर ये हथियार इतना घातक क्यों है?
एके मौर्य, जीएम, स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री कानपुर का कहना है कि इसे अत्याधुनिक तकनीक से तैयार किया गया है. इस हथियार की विशेषता इसमें लगा बेल्टेड ammunition है. बता दें कि अभी तक LMG मैगज़ीन बेस्ड होती थी. मैगज़ीन में 1-1 गोली भरी जाती है लेकिन इसमें बेल्टेड ammunition है. इस हथियार में एक पाउच लगेगा जिसमें 50 गोलियां भरी जा सकती हैं.
1 मिनट में रेट ऑफ फायर 600 गोलियों का है
वहीं इससे सिंगल शॉट और ऑटोमेटेड शॉट में भी फायर किया जा सकता है. सिंगल शॉट में 1-1 गोली निकलेगी जबकि ऑटोमेटेड में ट्रिगर दबाए रखने पर एकसाथ 50 गोली निकल आएगी. 1 मिनट में फायर यानी रेट ऑफ फायर 600 गोलियों का है. इसकी मारक क्षमता 800 मीटर है. वहीं सभी तापमान में टेस्ट किये जा चुके हैं, जिसमे ये हथियार खरा उतर चुका है. Mud टेस्ट, ड्राप टेस्ट, रेन टेस्ट पास कर चुका है. इस हथियार को ट्रायल को देने के लिए SAF पूरी तरह तैयार हैं. इस एरिया हथियार का वजन 9.7kg के आसपास है. जिसे ट्रायपॉड पर माउंट किया जा सकता है. ये हाइली लेथेल कैलिबर वाला हथियार है. नक्सल इलाकों और सरहदी इलाकों में इसे तैनात किया जा सकता है.
आर्मी और पैरा मिलिट्री फोर्सेज के लिए मददगार
अपनी श्रेणी का इकलौता हथियार कहा जा रहा LMG बेल्टफेट आने वाले दिनों में आर्मी और पैरा मिलिट्री फोर्सेज के लिए बहुत मददगार बताया जा रहा है. अत्याधुनिक तकनीकों से लबरेज यह हथियार नक्सलियों और आतंकवादियों को नाकों चने चबाने में मजबूर करने वाला है. अब इंतजार इस बात का है कि तमाम ट्रायल्स के बाद फाइनल ट्रायल में पास होकर यह हथियार देश के जवानों के हाथों की शोभा जल्द से जल्द बढ़ाए.
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