Lucknow Shikshak Bharti Protest: बेसिक शिक्षा विभाग की 69 हजार पदों की भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप लगाने वाले अभ्यर्थियों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया. सैंकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी के आवास पहुंचे. बाद में मंत्री से मुलाकात का आश्वासन मिलने के बाद अभ्यर्थी हटे. हालांकि, दोपहर में अभ्यर्थियों से मुलाकात के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री ने दो टूक कहा कि भर्ती में कोई गड़बड़ी नहीं हुई. आयोग जो जानकारी चाहेगा दे दी जाएगी. 


जारी है आंदोलन 
शिक्षक भर्ती के ये अभ्यर्थी कई दिन से आंदोलनरत हैं. हाल ही में इन्होंने मुख्यमंत्री आवास के पास भी धरना प्रदर्शन किया था. इसके बाद पिछले कुछ दिनों से बेसिक शिक्षा निदेशालय पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. आज इनकी मुलाकात बेसिक शिक्षा मंत्री से कराई गई. मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी ने अभ्यर्थियों से मुलाकात के बाद बताया कि पूरी भर्ती पारदर्शी तरीके से NIC से ऑनलाइन हुई है. आरक्षण के उपबंधों का शत प्रतिशत पालन हुआ है. उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के अनुसार ओबीसी के 18598 पद पर भर्ती होनी चाहिए. जबकि, ओबीसी के 31 हजार से अधिक अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. 


रिपोर्ट मांगने को कहा गया है
मंत्री ने कहा कि ओबीसी के 8755 पदों पर क्षैतिज आरक्षण लगते हुए महिला, दिव्यांग, भूतपूर्व सैनिक और अन्य की भर्ती हुई. इसके अलावा ओबीसी के बाकी 9843 पदों पर भी इसी वर्ग के अभ्यर्थियों की भर्ती हुई. बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि 34,589 सामान्य की सीट थी. इसमें भी मूल सामान्य वर्ग के सिर्फ 20301 का चयन हुआ है. बाकी 14288 पदों पर मेरिट में आने वाले ओबीसी और एससी के अभ्यर्थिययों का चयन हुआ है. राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को लेकर मंत्री ने कहा कि उन्हें ऑफिशियली रिपोर्ट नहीं मिली है. अपर मुख्य सचिव को आयोग से संपर्क कर रिपोर्ट मांगने को कहा गया है. रिपोर्ट में आयोग ने जो भी जानकारी मांगी होगी इसी सप्ताह उपलब्ध कराएंगे. 


अभ्यर्थियों के धरने पर दिया जवाब 
बेसिक शिक्षा मंत्री ने अन्य मामलों को लेकर चल रहे अभ्यर्थियों के धरने पर भी जवाब दिया. मंत्री ने कहा कि कुछ अभ्यर्थी ये मांग कर रहे हैं कि 68500 पदों की जो भर्ती आई थी उसमें 22 हजार के करीब जो पद खाली रह गए हैं उन्हें 69 हजार की भर्ती में जोड़कर भरा जाए. मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता है क्योंकि 68500 पद और 69 पद दोनों ही भर्तियों में क्वालीफाइंग अंक अलग थे. दो अलग भर्ती की वजह से एक के पद दूसरे में जोड़कर नहीं भर सकते. इसके अलावा मंत्री ने सपा सरकार के दौरान 2016 में आई 12460 पदों की भर्ती पर भी मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि उस भर्ती का मामला कोर्ट में चल रहा है. कई जिलों में पद ना होने के चलते वो भर्ती फंसी, निस्तारण होते ही भर्ती पूरी करेंगे. 


शांतिपूर्वक जारी रखेंगे आंदोलन
वहीं, बेसिक शिक्षा मंत्री से मुलाकात के बाद आरक्षण घोटाले का आरोप लगाने वाले अभ्यर्थियों ने कहा कि अधिकारी रिपोर्ट ना मिलने की बात झूठ कहते हैं. क्योंकि, शिकायतकर्ता को आयोग से आए मेल में विभागीय अधिकारी भी जुड़े हैं. हालांकि अभ्यर्थियों ने कहा कि इस हफ्ते वो अपना आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रखेंगे. जब विभाग फैसला लेगा तब यहां से जाएंगे. 


घोटाला किया गया है
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का आरोप है कि 69 हजार पदों की भर्ती में आरक्षण घोटाला किया गया है. ओबीसी को 27 फीसदी की जगह 4 फीसदी से भी कम आरक्षण मिला. इसी तरह एससी के अभ्यर्थियों को भी पूरा आरक्षण ना मिलने का आरोप लगा रहे हैं. अभ्यर्थियों के अनुसार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल को सरकार को अंतरिम रिपोर्ट भेजी थी लेकिन सरकार ने अंतरिम रिपोर्ट पर डेढ़ महीने बाद भी कोई जवाब नहीं दिया. अभ्यर्थियों के अनुसार आयोग ने माना है कि भर्ती में 5844 सीटों पर गड़बड़ी हुई है. 


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