Lucknow Shikshak Bharti Protest: बेसिक शिक्षा विभाग की 69 हजार पदों की भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर मुख्यमंत्री आवास के पास धरना प्रदर्शन किया. असल में अभ्यर्थी कालिदास मार्ग पर मुख्यमंत्री आवास के पास स्थित डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से मिलने जा रहे थे. लेकिन, इन्हें पहले ही रोक दिया गया. जिसके बाद सभी अभ्यर्थी वहीं धरने पर बैठ गए. हाई सिक्योरिटी जोन में 200 से अधिक अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन शुरू होते ही हड़कंप मच गया. आनन-फनन में मौके पर पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों को बस में भरकर वहां से हटाया.
डिप्टी सीएम से नहीं मिलने दिया गया
आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का कहना है कि 69 हजार पदों की भर्ती में OBC वर्ग को नियमानुसार 27 फीसदी आरक्षण नहीं दिया गया. बल्कि, 4 फीसदी से भी कम आरक्षण मिला. इसी तरह SC वर्ग को भी 21 फीसदी आरक्षण नहीं मिलने का आरोप लगाया. अभ्यर्थियों के अनुसार राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल को सरकार को अंतरिम रिपोर्ट भेजी थी. लेकिन, सरकार ने अंतरिम रिपोर्ट पर डेढ़ महीने बाद भी कोई जवाब नही दिया. अभ्यर्थियों के अनुसार आयोग ने माना कि भर्ती में 5844 सीटों पर गड़बड़ी हुई है. अभ्यर्थियों ने बताया वो कई बार इसे लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री, डीजी स्कूल एजुकेशन समेत अन्य अधिकारियों से मिल चुके हैं लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है. इसीलिए, आज डिप्टी सीएम केशव मौर्य से मिलने जा रहे थे लेकिन मिलने नहीं दिया गया.
सरकार नौजावनो के साथ धोखा कर रही है
इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल को पार्टी मुख्यालय बुलाकर मुलाकात की. अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार नौजावनो के साथ धोखा और विश्वासघात कर रही है. जब-जब नौजावान रोजगार की बात करते हैं, ये सरकार उन्हें लहूलुहान करती है. सरकार दलितों के आरक्षण के साथ खिलवाड़ कर रही है. सरकार ने पिछड़ा और दलित अभ्यर्थियों को धोखा दिया है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार पिछड़ा और दलित विरोधी है. कांग्रेस पार्टी इन अभ्यर्थियों के साथ अंत तक खड़ी रहेगी.
नियमों की अनदेखी की जा रही है
अभ्यर्थियों ने कहा कि वो टेट, शिक्षक भर्ती परीक्षा सब उत्तीर्ण हैं लेकिन नियमों की अनदेखी की वजह से भर्ती से बाहर हैं. इनका कहना है कि जब आयोग भी गड़बड़ी मान रहा है तो विभाग मनमानी पर क्यों अड़ा है.
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