UP 69000 Teachers Recruitment: उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. 9 सितंबर को उच्चतम न्यायालय इस मामले से जुड़ी पहली याचिका पर सुनवाई करने वाला है. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन-न्यायाधीशों की पीठ करेगी.


सामान्य वर्ग से चयनित अभ्यर्थियों द्वारा ये याचिका दायर की गई है, जिसमें भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी शिकायतों के समाधान के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई है. अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने अपनी सेवा सुरक्षा लेकर रिट दायर की है. वहीं दूसरी तरफ हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी नियुक्ति नहीं देने से आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थी नाराज है. 


आरक्षित अभ्यार्थियों का विरोध प्रदर्शन
ये अभ्यार्थियों पिछले चार दिनों से भाजपा के ओबीसी नेताओं और गठबंधन सहयोगियों के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से जल्द से जल्द उनकी नियुक्ति की माँग को लेकर धरना दे रहे हैं. इन अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल और यूपी भाजपा प्रमुख भूपेंद्र चौधरी के घरों के बाहर भी प्रदर्शन किया.


गुरुवार को आरक्षित वर्ग के अभ्यार्थियों ने कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर से भी मुलाक़ात की. जिसमें राजभर ने उन्हें 7 सितंबर को सीएम योगी से मुलाकात कराने का भरोसा दिया है. उन्होंने सीएम योगी से मिलने के लिए पांच अभ्यार्थियों के नाम भी मांगे हैं. इन अभ्यार्थियों का कहना है कि वो पिछले चार साल से भटक रहे हैं और अब जब हाईकोर्ट को फैसला आ गया है तो भी इसका पालन नहीं हो रहा है. 


अभ्यार्थियों की मांग है कि सरकार कोर्ट के निर्देशानुसार जल्द से जल्द आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट तैयार कर उन्हें नियुक्ति दे. लेकिन, सरकार की ओर से अभी तक इस पर काम शुरू नहीं किया गया है. उधर अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा गया है.  



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