Kanpur News: मैराथन में जमकर दौड़े बुजुर्ग मुलायम सिंह यादव, जोश देखकर युवा भी रह गये हैरान
कानपुर के मैराथन में बुजुर्ग मुलायम सिंह यादव का जोश देखकर सभी हैरान थे. मुलायम सिंह का कहना है कि उन्हें आज तक सरदर्द तक की शिकायत नहीं हुई है. इस उम्र में भी वे बेहद फिट हैं.
Kanpur News: आजादी के अमृत महोत्सव में देश के युवा बुजुर्ग बच्चे सभी बढ़-चढ़कर इस जश्न को मना रहे हैं. आज ग्रीन पार्क स्टेडियम में बच्चों के लिए क्रॉस कंट्री रेस का आयोजन किया गया. दो दिन से इसकी प्रैक्टिस भी कराई जा रही थी. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक 73 वर्षीय बुजुर्ग ने युवाओं के बीच पहुंचकर सब को अचरज में डाल दिया. यह बुजुर्ग और कोई नहीं बल्कि कानपुर के मुलायम सिंह यादव हैं. 73 वर्षीय बुजुर्ग कई मैराथन में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं.
मैराथन दौड़ में जीत चुके हैं मेडल
देश की राजधानी दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम से इंदिरा गांधी एयरपोर्ट तक की मैराथन दौड़ चाल साल 91, 92 और 94 में गोल्ड मेडल जीतने वाले मुलायम सिंह यादव की मानें तो फिट रहना इस जीवन का सबसे बड़ा मूल मंत्र है. पिछले 60 साल से मुलायम सिंह यादव को कभी भी कोई बीमारी नहीं हुई. वह दावे से कहते हैं कि, उनको आज तक सिरदर्द की शिकायत भी नहीं हुई है. कोरोना जैसी महामारी की विभीषिका के बीच भी वह अपने आप को फिट रखने में और बीमारियों से दूर रखने में बेहद सफल रहे हैं. शायद इसीलिए आजादी के इस दिन पर वह युवाओं के बीच पहुंचे और जमकर दौड़े.
मुलायम सिंह को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया
लड़कों के लिए क्रॉस कंट्री रेस 5 किलोमीटर की थी, जबकि लड़कियों के लिए 3 किलोमीटर की आयोजकों से इजाजत लेने के बाद 73 वर्षीय मुलायम सिंह यादव एक किलोमीटर तक जमकर दौड़े उनके इस जज्बे को युवाओं ने तालियों के साथ सलाम किया और आयोजकों की तरफ से मुलायम सिंह यादव को पुरस्कार से भी नवाजा भी गया. एलआईसी से रिटायर मुलायम सिंह यादव की माने तो वह मूलत: इटावा के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले काफी वर्षों से कानपुर में रह रहे हैं. उनका शौक दौड़ना है और वह इस दौड़ को अभी तक उम्र के इस पड़ाव में जारी रखे हुए हैं. क्रॉस कंट्री रेस में शामिल होने आए युवाओं की माने तो मुलायम सिंह यादव जैसे बुजुर्ग उनको वाकई प्रेरणा देते हैं और यह सिखाते हैं कि, जीवन के किसी भी पड़ाव पर हार नहीं माननी चाहिए और चुनौतियों को भी स्वीकार करना चाहिए.
ये भी पढ़ें.
Independence Day 2021: नक्सली हमले में संघर्ष करते हुए शोभित ने दी थी प्राणों की आहुति