84 Ghanta Devi Mandir: आज से Shardiya Navratri 2021 शुरू हो रहे हैं और आज हम आपको एक ऐसे देवी मंदिर के दर्शन कराते हैं, जहां मन्नत पूरी होने पर लोग घंटा चढ़ाते हैं. उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित 84 घंटा मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है. कहते हैं कि, इस मंदिर में हर किसी की मनोकामना पूरी होती है. क्या है इस मंदिर का इतिहास ? मंदिर का नाम 84 घंटा मंदिर क्यों पड़ा ? ये जानने के खास रिपोर्ट.


84 घंटा मंदिर में भक्तों की पूरी होती है मनोकामना 


बरेली के सुभाषनगर थाना क्षेत्र के बदायूं रोड पर स्थित 84 घंटा मंदिर में हर तरफ आपको घंटे ही घंटे ही नजर आएंगे. वर्तमान में मंदिर में करीब 11 लाख से अधिक घंटे लगे हुए हैं. ये घंटे इस बात का प्रतीक हैं कि, यहां आने वाले भक्तों की माता रानी ने मनोकामना पूरी की है.  मंदिर में जब आरती होती है तो पूरा इलाका घंटों की ध्वनि से गुंजायमान हो जाता है. माता रानी की जयकारों से पूरा वातावरण शुद्ध हो जाता है. मान्यता है कि, जिस श्रद्धालु की मनोकामना पूरी होती है वो अपनी श्रद्धा के अनुसार यहां पर छोटा बड़ा घंटा चढ़ाता है.  


मंदिर का इतिहास 


मंदिर के इतिहास के बारे में यहां के संस्थापक रविंद्र मोहन गर्ग ने बताया कि, उनकी माता जी को 1969  में माता रानी के दर्शन दिए थे कि, यहां पर घर नहीं पहले मेरा मंदिर बनवाओ और पहले दिन दो बजे तक 84 घंटे चढ़ जाएंगे इसलिए मेरा नाम 84 घंटे मंदिर वाली माता के दरबार से जाना जायेगा. बताते हैं कि, 12 बजे तक 84 घंटे चढ़ गए जिसके बाद इस मंदिर का नाम 84 घंटे मंदिर वाली माता के दरबार से प्रसिद्ध हो गया.  


निसंतानों की गोद भरती हैं माता 


कहते हैं कि, जिसके संतान नहीं होती माता रानी उसकी गोद भर देती हैं और उसे संतान की प्राप्ति होती है.  जिसका विवाह नहीं होता उसे माता जीवनसाथी देती हैं,  जिसको नौकरी नहीं मिलती उसे नौकरी मिल जाती है.  इस तरह से 1969 से माता रानी के दरबार में देश भर से श्रद्धालु आने लगे और मन्नत पूरी होने पर घंटे चढाने लगे.



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