Mussoorie News: मसूरी शिफन कोर्ट आवासहीन निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति द्वारा मसूरी शिफन कोर्ट के बेघर 84 परिवारों द्वारा विस्थापन की मांग को लेकर मसूरी नगर पालिका परिषद के प्रांगण में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया. इस दौरान बेघर लोगों ने पालिका प्रशासन, पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता और मसूरी विधायक गणेश जोशी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.पालिका सभासद गीता कुमाई ने शिफन कोर्ट से बेघर लोगों का समर्थन करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि जनता के होते है ऐसे में जब जनता की सुखी ना हो तो कुर्सी में बैठने का कोई फायदा नहीं है उन्होंने कहा कि जो जनप्रतिनिधि शिफन कोर्ट से बेघर लोगों का हक दिलाने के लिये हो रहे आंदोलन में साथ नहीं है ऐसे जनप्रतिनिधियों को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता और विधायक गणेश जोशी पर गुमारह करने का आरोप
समाजसेवी प्रदीप भंडारी और कमल भंडारी ने कहा कि पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता और मसूरी विधायक गणेश जोशी ने शिफन कोर्ट के मामले में बेघर लोगों को गुमराह करने का काम किया है उन्होंने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता लगातार जमीन देने की बात कर रहे हैं परंतु जमीन के कागजात आज तक सार्वजनिक नहीं किये गए और ना ही जमीन के बारे में कुछ बताया गया है. वह शिफन कोर्ट के बेघर लोगों को विस्थापन करने के नाम पर गुमराह कर रहे हैं जिसका जवाब उनको आने वाले समय पर दिया जाएगा. उन्होंने मसूरी विधायक गणेश जोशी से मांग की है कि सरकारी स्तर पर शिफन कोर्ट के लोगों को जमीन उपलब्ध कराई जाए जिससे कि वह अपना घर बना सके.
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी बेघरों को विस्थापित करने की बस बातें कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा शिफन कोर्ट से बेघर लोगों को विस्थापित करने के लिए सकारात्मक बातों की जा रही है परंतु कार्य नहीं किया जा रहा है जिससे लोगों ने उनके खिलाफ भी आक्रोश व्याप्त है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर समय रहते शिफन कोर्ट के लोगों का विस्थापन नहीं हुआ तो उसका खामियाजा भाजपा सरकार को 2022 में और पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता को 2023 के चुनाव में भुगतना होगा.उन्होंने कहा कि शिफन कोर्ट के लोगों ने मन बना लिया है कि जब तक उनका विस्थापन नहीं हो जाता है या उनको जमीन उपलब्ध नहीं हो जाती तब तक वह अपना धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे.
नगरपालिका के गलत फैसलों के कारण शिफन कोर्ट के लोग हुए बेघर
वहीं सभासद गीता कुमाई ने कहा कि शिफन कोर्ट के लोगों को बेघर करने के प्रस्ताव को लेकर उन्होने कभी भी पालिका प्रशासन और सरकार का समर्थन नही किया वही नगरपालिका के गलत निर्णयों के कारण शिफन कोर्ट के लोग बेघर हुए हैं. उन्होंने कहा कि सूत्रों के मुताबिक ज्ञात हुआ है कि शिफन कोर्ट की जमीन को शासन स्तर से पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था जबकि वह नगर पालिका प्रशासन को बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद हस्तांतरित किया जाना था. परंतु नगर पालिका अध्यक्ष की कमजोरी और लापरवाही के कारण ज्यादातर काम शासन स्तर पर ही किए जा रहे हैं जिसका खामियाजा मसूरी की जनता को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक शिफन कोर्ट के लोगों को जमीन उपलब्ध नहीं हो जाती वह आंदोलन में शिफन कोर्ट के बेघर लोगो के साथ सरकार और पालिका अध्यक्ष के खिलाफ आंदोलन करती रहेंगी.
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