नई दिल्ली: विधानसभा के आगामी सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने के संबंध में सभी दलीय नेताओं की बैठक संपन्न हुई. बैठक उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने आहूत की गई. बैठक में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना, समाजवादी पार्टी की ओर से राकेश प्रताप सिंह, बहुजन समाज पार्टी विधानमण्डल दल के नेता श्री लालजी वर्मा ने भाग लिया गया.


अध्यक्ष ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कोरोना की विषम परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश में विधानसभा का सत्र आहूत किया जा रहा है. इससे पूर्व मध्य प्रदेश के अतिरिक्त अन्य किसी राज्य में कोरोना महामारी के दौरान सत्र आहूत नहीं किया गया है. अतः उत्तर प्रदेश राज्य इस संबंध में मानक निर्धारित करेगा. सदन में सभी दलों के सदस्य भौतिक दूरी बनाये रहते हुए भूतल पर व प्रथम तल पर बैठने और दर्शक दीर्घा का भी प्रयोग माननीय सदस्यों के बैठने हेतु किया जाने पर विचार किया गया.


सभी माननीय सदस्यों को सदन में जाने से पूर्व सैनिटाइजेशन व मास्क की व्यवस्था पर भी विचार-विमर्श हुआ. विधान सभा में सदस्यों के आगमन पर प्रवेश पर सैनिटाइजेशन व थर्मल स्कैनर की व्यवस्था कराये जाने पर विचार किया गया. सदन के अंदर प्रवेश हेतु भी ‘‘हा’’ और ‘‘ना’’ लाबी के ने भी खोले जाने पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ.


सदन में सेन्ट्रल एयर कंडिशनर को सुरक्षित रूप से संचालित किए जाने हेतु भारत सरकार ने इस संबंध में निर्गत किये गये दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने व अल्ट्रावाइलेट रेज के फिल्टर भी लगाये जाने पर विचार किया गया. दीक्षित ने कहा कि संसद में पूर्व सांसदों को पास ना जारी करने का निर्णय लिया गया है. इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी सदन के सत्र के दौरान पूर्व विधायकों के प्रवेश-पत्र भी सत्र के दौरान निलम्बित रखे जाने पर विचार किया गया. इसके अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार के प्रवेश-पत्र भी स्थगित रहेंगे.


बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि कोरोना महामारी को दृष्टिगत रखते हुए कैफिटेरिया को संचालित नहीं किया जाएगा. उपर्युक्त सभी विषयों पर सर्वसम्मति से सहमति प्रदान की गई. बैठक में सभी माननीय नेताओं ने माननीय अध्यक्ष को इस हेतु धन्यवाद दिया गया कि उन्होंने समय से पूर्व इन बिन्दुओं पर चर्चा की और कोरोना के मध्य सदन को संचालित करने के विषय को गंभीरता से लिया.


माननीय अध्यक्ष से यह कहा गया कि उत्तर प्रदेश विधान सभा के इस सत्र की ओर देश की सभी विधान सभाओं की दृष्टि रहेगी. अतः हम लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना महामारी के मध्य संवैधानिक बाध्यता के कारण संचालित किये जाने वाले इस सत्र में कोरोना के सभी प्रोटोकाल का गंभीरता से अनुपालन करते हुए मर्यादित ढ़ंग से समंपन्न करायें.


माननीय अध्यक्ष हेतु सभी दलों के नेताओं से सहयोग की अपेक्षा की. साथ ही ये अनुरोध किया कि वो अपने दल के सभी माननीय सदस्यों को भी इस आदेश के निर्देश दें, कि इन विषम परिस्थितियों में माननीय सदस्यों के सहयोग से ही सुरक्षित रूप से सदन की बैठक संचालित की जा सकती है.


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