मुरादाबाद. हाल ही में आई अभिनेता पंकज त्रिपाठी की फिल्म 'कागज' का सीन आपको जरूर याद होगा, जिसमें उन्हें सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया जाता है. खुद को जिंदा घोषित करने के लिए पंकज त्रिपाठी लंबी कानूनी लड़ाई लड़ते हैं. आखिरकार उन्हें इसमें सफलता भी मिलती है. 'कागज' फिल्म जैसा ही एक मामला मुरादाबाद में सामने आया है. प्रशासन ने मुरादाबाद की रहने वाली 80 साल की एक बुज़ुर्ग विधवा महिला को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया है. अब वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है.


दो साल से बंद विधवा पेंशन
बुजुर्ग महिला के पोते ने बताया कि उनकी दादी को दो साल से विधवा पेंशन नहीं मिल रही है, जब उन्होंने पता किया तो मालूम हुआ की उनकी दादी को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर विधवा पेंशन बंद कर दी गई है. अब महिला ने संपूर्ण समाधान दिवस में आला अधिकारियों से इसकी शिकायत की है.


कुन्दरकी ब्लॉक के हरियाणा गांव की रहने वाली शरीफन को विधवा पेंशन मिलती थी, लेकिन दो साल से उसे विधवा पेंशन नहीं मिल रही है. बुजुर्ग महिला ने जब इसका कारण जानने की कोशिश की तो पता चला की उसे दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया है. इसीलिए उसे पेंशन नहीं मिल रही है. शरीफन अधिकारियों के सामने जाकर जाती है और खुद को जिंदा बताती है. हालांकि अधिकारी सरकारी रिकॉर्ड का हवाला देकर कन्नी काट देते हैं.


"मैं जिंदा हूं"
शरीफान ने सम्पूर्ण समाधान दिवस पर आला अधिकारियों के सामने मामले को उठाया. शरीफान ने खुद खड़े होकर कहा, 'मैं जिंदा हूं साहब'. अधिकारियों ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है. एसडीएम प्रशांत तिवारी ने बताया की मामला सामने आने के बाद जांच शुरू कर दी गई है. दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


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