देहरादून, एबीपी गंगा। केदारनाथ आपदा को आज छह साल पूरे हो गए। उस भीषण त्रासदी को याद करके आज भी लोग सिहर जाते हैं। सोलह व सत्रह जून को बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने केदारघाटी को तहस नहस करके रख दिया और यही वजह है कि आज केदारनाथ बरसी पर वो लोग सिहर जाते हैं जो लोग उस त्रासदी के चश्मदीद रहे है। जिनकी आंखों के सामने तबाही हुई लेकिन गनीमत थी कि वो अपनी जान बचा पाए। आज भी जब वो लोग उस मंजर को याद करते हैं तो अपनी व्यथा बताते हुए सहम जाते है।


2013 की आपदा में कितने लोग मरे, कितने बेघर हुए कितनों ने अपनों को अपने सामने मरते देखा। ये वो लम्हे थे जिनके बारे में सोच कर आंखों से सिर्फ आंखों से आंसू ही आते हैं लेकिन भगवान की लीला से अब फिर से केदारनाथ पूरा संवर चुका है और आज 6 साल बीत जाने के बाद अब श्रद्धालुओं की संख्या में हर रोज इजाफा हो रहा है।



भीषण थी वह त्रासदी
सोलह जून 2013 की वह आपदा बेहद भीषण थी। इस त्रासदी में 10 हजार से अधिक लोग मारे गए या लापता हो गए। 4,200 से ज्यादा गांवों का संपर्क टूट गया। इनमें 991 स्थानीय लोग अलग-अलग जगह पर मारे गए। 11,091 से ज्यादा मवेशी बाढ़ में बह गए या मलबे में दबकर मर गए। ग्रामीणों की 1,309 हेक्टेयर भूमि बाढ़ में बह गई। 2,141 भवनों का नामों-निशान मिट गया।



100 से ज्यादा बड़े व छोटे होटल ध्वस्त हो गए। यात्रा मार्ग में फंसे 90 हजार यात्रियों को सेना ने और 30 हजार लोगों को पुलिस ने बाहर निकाला।



आपदा में नौ नेशनल हाई-वे, 35 स्टेट हाई-वे और 2385 सड़कें 86 मोटर पुल, 172 बड़े और छोटे पुल बह गए या क्षतिग्रस्त हो गए थे !


6 साल बीत जाने के बाद अब बाबा केदार के भक्तों में भारी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और अब की यात्रा में अब तक बाबा केदारनाथ धाम में लाखों यात्री बाबा के दर्शन कर चुके हैं।