मेरठ: मेरठ के मेडिकल कॉलेज के पास कि एक बुजुर्ग काफी गंभीर हालत में सड़क  पर पड़ा रहा‚ लेकिन किसी ने भी उसको अस्पताल पहुंचाने की हिम्मत नही दिखाई. एक स्थानीय युवक ने एम्बुलेंस और पुलिस को कई बार फोन किया लेकिन हर बार जल्दी पहुंचने का आश्वासन ही मिलता रहा.


हालांकि काफी देर बाद कुछ राहगीरों में इंसानियत दिखाई और उन्होंने बुजुर्ग को सड़क से उठाकर एक तरफ जमीन पर लिटा दिया.  काफी देर बाद दो पुलिसकर्मी वहां पहुंचे जिसने बुजुर्ग से जानने की कोशिश की कि आखिरकार वह सड़क पर क्यों लेटा था हालांकि बदहवास बुजुर्ग कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था.


हालांकि चश्मदीद युवक की मानें तो बुजुर्ग को सड़क पर लेते हुए काफी वक्त बीत गया लेकिन न तो किसी ने उन्हें किनारे किया और न ही एंबुलेंस आई. इतना ही नहीं जब युवक ने पुलिस की गाड़ी देखी तो उसने गाड़ी को रोकने की कोशिश की लेकिन सीओ साहब की गाड़ी नही रुकी और वो चले गए.


युवक का प्रयास लगातार जारी रहा और अंत मे पुलिस को आना ही पड़ा फिर एंबुलेंस भी आई और बुजुर्ग को उपचार के लिए ले भी गई. लेकिन सवाल इस बात का है कि जिस तरह से सड़क पर गाड़ियां दौड़ रही थी ऐसे यह बुजुर्ग किसी हादसे का शिकार हो जाता तो उसका जिम्मेदार कौन होता?


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