हापुड़, एबीपी गंगा। हापुड़ में पुलिस की हिरासत में एक युवक की मौत का मामला सामने आया है। प्रदीप नाम के युवक की मौत पिलखुआ पुलिस की हिरासत में होने का आरोप परिजनों द्वारा लगाया जा रहा है। मृतक के परिजनों के अनुसार, कुछ दिन पहले सलहज की मौत की पूछताछ के लिए प्रदीप को धोखे से पुलिस ने बुलाया था। छिजारसी चौकी पर पूछताछ के दौरान प्रदीप की पुलिस की खूब पिटाई गई, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। हालात गंभीर होने पर पुलिस ने उसे जीएस मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। जहां से गंभीर हालात में उसे मेरठ रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई। ये पूरा मामला

जिला हापुड़ के पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र का है।


आपको बता दें कि पिलखुआ पुलिस ने एक महिला के मर्डर के मामले में रविवार दोपहर प्रदीप और उसके भाई कुलदीप को हिरासत में लिया था। पूछताछ के दौरान पुलिस ने दोनों की खूब पिटाई की। जिस कारण प्रदीप की हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में पुलिस ने उसे पिलखुआ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी गंभीर हालात होने की चलते मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। जहां प्रदीप ने सोमवार सुबह दम तोड़ दिया।


परिजनों का आरोप है मृतक प्रदीप के शरीर पर पुलिस की बेरहमी से पिटाई के निशान साफ दिख रहे हैं। मृतक के परिजनों का कहना है कि पिलखुआ कोतवाल योगेश बालियान ने प्रदीप को अवैध रूप से हिरासत में रखा था और पुलिस कस्टडी में उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।


इस पूरे मामले पर हापुड़ एसपी यशवीर सिंह का कहना है, 'युवक की पूछताछ के दौरान तबीयत बिगड़ गई थी, जिस वजह से उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां से उसे मेरठ मेडिकल कॉलेज भी रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई।' एसपी का कहना है कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद सभी तथ्य सामने आ जाएंगे। उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अगर इस मामले में कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया जाएगा, तो उसके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।


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