राशिफल 16 सितंबर 2019: जानें- क्या कहते हैं आपके सितारे और विश्वकर्मा जी को कैसे करें प्रसन्न
राशिफल 16 सितंबर 2019: जानें- कैसा बीतेगा आपका आज का दिन और किन चीजों का रखें ध्यान। क्लिक कर यह भी जानें कि कैसे प्रसन्न करें विश्वकर्मा जी को और कैसे मनाएं विश्वकर्मा जयंती।।
नई दिल्ली। एबीपी गंगा के खास शो समय चक्र में आपके अपने एस्ट्रो फ्रेंड पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने बताया आपका आज का राशिफल। कैसे बीतेगा आपका आज का दिन। क्या करें, जिससे मिलेगा लाभ। किस चीज से आपको हो सकता है नुकसान। साथ ही यह भी जानें कि कैसे प्रसन्न करें विश्वकर्मा जी को और कैसे मनाएं विश्वकर्मा जयंती।
आज का राशिफल (Aaj Ka Rashifal)
मेष राशि
फोकस
-अपने भीतर के क्रोध को उजागर करने का यह समय नहीं है। शांत रहते हुए कार्य पर फोकस करें
-समस्याओं को गणपति जी के ऊपर छोड़ दीजिए वही उनका निदान कर देंगे।
अलर्ट - किसी के भड़कावे में आने से तनाव मिल सकता है।
वृष राशि
फोकस-
-आज अपनी सारी ऊर्जा अपने काम को बढ़ाने में लगानी है।
-बासी खाना या जंक फूड खाने से परहेज करें। ग्रहीय स्थिति पेट में समस्या दे सकती है।
अलर्ट - जीवनसाथी, मित्र या व्यापारिक पार्टनर का तरफ से गलत प्रतिक्रिया आ सकती है।
मिथुन राशि
फोकस -
-वर्तमान समय में आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है।खान-पान पर ध्यान दें।
-पसंदीदा काम करने पर ज्यादा फोकस करें।
अलर्ट - घर में तनाव का माहौल उत्पन्न हो सकता है।
कर्क राशि
फोकस
-यह समय गुरु का सम्मान करने का है। विद्यार्थी अपने टीचर का सम्मान करें।
-किसी गरीब महिला को भोजन व वस्त्र दान करें।
अलर्ट - वाहन काफी तेज गति से चलाते हैं, तो उसको संतुलित गति में ही चलाएं।
सिंह राशि
फोकस -
-दिन की शुरुआत ऊर्जावान होकर करें। यानी कि दिनभर एक्टिव रहना होगा।
-शिवलिंग की उपासना करें। महादेव की कृपा से सुख-समृद्धि आएगी।
अलर्ट - घुटने में चोट लगने की आशंका है।
कन्या राशि
फोकस -
-कार्य करने में अधिक टेक्नॉलजी का प्रयोग करने से आपको लाभ होगा।
-बुध और शुक्र का कांबिनेशन आपको लाभ पहुंचाने वाला है।
अलर्ट - कार्य को पेंडिंग रखना आपको मुश्किलों में डाल सकता है।
तुला राशि
फोकस -
-महत्वपूर्ण कदम उठाने से पहले पिता से सलाह अवश्य ले लेनी चाहिए।
-विदेश की यात्रा के लिए समय शुभ है।
अलर्ट - दिखावेबाजी में धनु हानि हो सकती है। ज्यादा शोऑफ न करें।
वृश्चिक राशि
फोकस -
-किसी की बात को बीच में न काटें। सामने वाली की बात को गंभीरता से सुने।
-बड़ी बहन का आशीर्वाद आपके लिए बहुत लाभकारी रहेगा। उनको प्रसन्न करें।
अलर्ट - खाली पेट काम में खटना आपकी तबियत बिगाड़ सकता है।
धनु राशि
-भाग्य आपके साथ है। आप अपने कठिन परिश्रम से मंजिल प्राप्त कर सकते हैं।
-मां के साथ समय व्यतीत करना बहुत ही सौभाग्यदायक रहेगा।
अलर्ट - कैल्शियम की कमी से बड़ी दिक्कत हो सकती है।
मकर राशि
फोकस-
-आज ऑफिस में प्रसन्नता का माहौल बनेगा।आपको भी इस हर्षित वातावरण का लाभ लेना है।
-ऑफिस में किसी सहयोगी का जन्मदिन हो तो में पार्टी कर सकते हैं।
अलर्ट - घर में कोई कीमती सामान का टूट कर नुकासान हो सकता है।
कुम्भ राशि
फोकस -
-दिन की शुरुआत नंनदी जी के दर्शन से करें। शिवमंदिर में जाएं और अपने मन की बात कहें।
-महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट किसी के साथ भरोसे में शेयर न करें।
अलर्ट- स्किन से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।
मीन राशि
फोकस -
-चीटीं की भांति परिश्रमी बनना होगा। कार्य न बने तो हार न मानें। धैर्य के साथ काम करते रहें।
-बेवजह ऋणी होना अच्छी बात नहीं है।
अलर्ट- झूठ बोलने वालों से बचकर रहें। संकट में फंस सकते हैं।
विषय
-विश्व में संरचनात्मक कार्यों के देव माने जाते हैं विश्वकर्मा जी। कल विश्वकर्मा जयंती के दिन समस्त उपकरणों की पूजा के साथ कारख़ानों में इनकी पूजा की परंपरा है। तकनीकी कार्यों में इनका आशीर्वाद बहुत जरूरी होता है। देवलोक के शिल्पकार तथा वास्तु शास्त्र के प्रणेता हैं भगवान विश्वकर्मा जी।
-ब्रह्मा जी के वंशज हैं विश्वकर्मा जी। दर्शकों इनके ज्ञान को समझने के लिए पहले सरस्वती एवं विश्वकर्मा जी के क्षेत्र को अलग-अलग समझ लेते हैं। सरस्वती जी विद्या एवं संगीत की देवी है और विश्वकर्मा जी तकनीक पक्ष के देवता है। उदाहरण .. बीटेक का ज्ञान लिया सरस्वती की कृपा से नौकरी में सफल इंजीनियर बने विश्वकर्मा जी की कृपा से..
-हिन्दू धर्मशास्त्रों में तो यह भी वर्णन मिलता है कि देवासुर संग्राम में राक्षसों का वध करने के लिए शक्ति स्वरूप दुर्गा जी के अस्त्र-शस्त्र जिसमें त्रिशूल, फरसा, गदा आदि का निर्माण भी स्वयं विश्वकर्मा जी ने ही किया था।
-कुछ ऋषियों ने उनसे कहा कि वास्तुशास्त्र तो देव विद्या है, इसे मानव जाति को क्यों दिया जाए। तो स्वयं विश्वकर्मा जी ने कहा, यह विद्या मानवों को अवश्य देनी चाहिए ताकि उनका जीवन शांतिमय एवं सुखमय हो तथा यह विद्या लुप्त भी न हो।
-इसका यह अर्थ है कि विश्वकर्मा जी इतने कल्याणकारी देवता है कि दूसरों की सुख-सुविधा, संतुष्टि, शांति एवं रक्षा के लिए ही कार्य करते हैं। पूर्ण रूप से उनमें सकारात्मक ऊर्जा है।
-विश्वकर्मा जी सदैव आध्यात्मिक और भौतिक उत्थान के लिए ही कार्य करते हैं सबसे खास बात यह है कि यह देवताओं के पक्षधर रहे हैं। न कि असुरों के। यानी असुरी प्रवृत्ति के विरोधी हैं।
-दैवीय वास्तु, पंच तत्वों ( अग्नी, जल, पृथ्वी, वायु एवं आकाश) तीनों बलों (गुरुत्व, चुम्बकीय और सौर ऊर्जा) अष्टदिशाओं, ग्रहों, नक्षत्रों की गति पर आधारित एक सुपर साइंस हैं।
-प्रकृति के इन कारकों के अनुरूप आवास का निर्माण करना जिससे इन शक्तियों को भवन में संतुलित व व्यवस्थित रखकर जीवन को सुखमय बनाया जा सके, इसी विज्ञान को वास्तुशास्त्र कहते हैं।
-विश्वकर्मा जी ने ही लंका को महादेव के लिए निर्माण किया था। जिसको रावण ने शिव से लिया। रावण की अथाह शक्तियों और वैभव के पीछे लंका की भी बहुत अहम भूमिका थी। हनुमान जी का लंका दहन करने का कारण ही यही था कि रावण का वास्तु डिस्टर्ब हो जाए।
-वहीं महाभारत काल में जब पांडवों ने इंद्रप्रस्थ को अपनी नई राजधानी बनाया था तब श्री कृष्ण ने विश्वकर्मा जी से इसके निर्माण हेतु आग्रह किया था। लेकिन श्रीकृष्ण के कुछ सुझाव विश्वकर्मा जी को वास्तु सम्मत नहीं लगे। तो उन्होंने इसका निर्माण करने से मना कर दिया।
उपरोक्त दोनों उदाहरण विश्वकर्मा जी की महानता और सैद्धांतिकता को दर्शाता है।
-यदि चीजें वास्तु संम्मत नहीं है तो वह नारायण को भी मना करने में नहीं हिचकते हैं। क्योंकि वह पूर्ण रूप से सकारात्मक देवता है।
-विश्वकर्मा जी ने भूलोक में आकर राजमहलों से लेकर आम घरों का डिज़ाइन तैयार किया है। विश्वकर्मा को ही सर्वप्रथम सृष्टि निर्माण में वास्तुकर्म करने वाला कहा जाता है। इन्द्रलोक,स्वर्ग लोक सहित भूलोक और पाताललोक के राजमहलों से लेकर प्राचीनतम मन्दिर, देवालय, नगर तथा ग्रामीण आवासो के निर्माता विश्वकर्मा को ही कहा जाता है ।
-आज प्रत्येक शिल्पी, मिस़्त्री राज, बढई , कारीगर तथा अभियंता आदि जितनी टेक्निकल लोग हैं और जितनी टेक्निकल वस्तुएं हैं सब विश्वकर्मा जी के अधीन है। यानी टेक्निकल एवं आर्किटेक्ट के सर्वज्ञाता है विश्वकर्मा जी।
-भगवान विश्वकर्मा के अनेक रूप बताए जाते हैं- दो बाहु, कहीं चार बाहु एवं कहीं कहीं पर दश बाहु तथा एक मुख, कहीं चार मुख एवं कहीं पर पंचमुख। (टीवी पर विश्वकर्मा जी की फोटो भी दिखाए)
कैसे प्रसन्न करें विश्वकर्मा जी को, कैसे मनाएं विश्वकर्मा जयंती
-विश्वकर्मा जी की उपासना में परंपरागत तरीकों का पालन करना अनिवार्य है। इस दिन उनकी उपासना होती है साथ ही औजारों की पूजा होती है। कारखाने, फैक्ट्री, उद्योग बंद रहते हैं।
-वास्तु शिल्पियों, हार्डवेयर का काम करने वाला, इलेक्ट्रीशियन, मैकेनिक आदि का सम्मान करना चाहिए। यदि यह आपसे खुश हैं तो समझ लीजिए कि विश्वकर्मा जी खुश हैं।
-घरों में जो भी यंत्रिकीय वस्तुये जैसे टूल बाँक्स आदि को भी निकाल कर सम्मान के साथ उनकी पूजा करनी चाहिए ताकि इनका प्रयोग सदैव सफल रहें।
-कोई भी घर बनवाते समय पूजा करते ही हैं साथ में शिल्पकार को भी तिलक करते हुए उसका सम्मान करना चाहिए और उसको दक्षिणा भी देनी चाहिए।
-जब नए मकान या फैक्ट्री का उदघाटन करते हैं तो उसके शिल्पाकारों और आर्किटेक्ट को भी आमंत्रित करके सार्वजनिक रूप से सम्मानित करना चाहिए।
काम की बात- सूर्य की कन्या संक्राति है इसलिए जिन लोगों को कोई दान करना है वह लोग इस दिन दान कर सकते हैं।
संवत् – 2076
माह– आश्विन कृष्ण पक्ष
तिथि – द्वितीया तिथि दोपहर 02:36 तक इसके उपरान्त तृतीया तिथि
वार- सोमवार
योग- वृद्धि योग रात्रि 10:53 तक इसके उपरान्त ध्रुव योग
चन्द्रमा - मीन राशि
नक्षत्र – रेवती नक्षत्र
आज जन्मे बच्चे मूल में है।
पंचक आज है।
राहु काल- प्रातः 07:30 से 09:00 बजे तक
दिशा शूल- पूर्व दिशा (सूर्य भगवान को प्रणाम करते हुए ही यात्रा प्रारम्भ करें।)
कार्यक्रम - विश्वकर्मा जी.. देवताओं के आर्किटेक