नई दिल्ली, एबीपी गंगा। जानिए, क्या कहता है आपका आज का राशिफल (20 जुलाई, 2019)... मेष, वृष, मिथुन, कर्क समेत सभी 12 राशियों के लोगों के लिए क्या चीजें रहेंगी लाभकारी और किन चीजों से रहना है सावधान। घर में पूजा का स्थान कहां होना चाहिए और कैसे आपको मिल सकती हैं भविष्य की सूचनाएं, ये भी बताया है आपके अपने एस्ट्रो फ्रेंड पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने।


आज का राशिफल


1- मेष राशि


आपको ऑफिस कोई असुविधा हो रही है तो अपने बॉस को बताने का दिन है। इसमें देरी न करें अन्यथा आप ही गलत साबित हो जाएंगे।


फिजूल खर्ची से बचना चाहिए। दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।


किसी से भी बेवजह की तकरार कतई न करें।


बेवजह की बातों को इग्नोर करना ही अच्छा रहेगा।


2- वृष राशि


कर्मक्षेत्र में अपना सम्पूर्ण ज्ञान का प्रयोग करना होगा। इससे आपको सफलता और प्रसिद्धि दोनों ही मिलेगी।


थोडो थोड़ा करके पेंडिंग कामों को निपटाना होगा। इससे आप पर भार नहीं आएगा।


दूसरों का सहयोग करने से पीछे न हटें।


विद्यार्थी अपने नोट्स संभाल कर रखें, मिस्पलेस हो सकता है।


गठीया रोगी का दर्द परेशान कर सकता है।


3- मिथुन राशि


काम करने के तरीके को बेहतर करते ही कम मेहनत में अधिक लाभ होगा, समय भी कम लगेगा जिससे और कार्य को तेजी से कर पाएंगे।


अच्छे गुणों को आत्मसात करना चाहिए।


बड़े भाई का सम्मान करें।


बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा नहीं खाना चाहिए।


4- कर्क राशि


अंतरिक्ष में ग्रहों की स्थिति ईगो पैदा कर रही है। आपको छोटी-छोटी बातों को लेकर ऑफिस के लोगों से उलझना नहीं चाहिए।


आज कहीं से खुशखबरी मिल सकती है।


पानी से संबंधित दुर्घटनाओं से बचकर रहना होगा।


पारिवारिक विवादों और मनमुटावों की बातों पर फोकस नहीं करना है।


5- सिंह राशि


आफिशियल पॉलिटिक्स से दूर रहते हुए आपको अपने काम पर फोकस करना चाहिए। कौन आपका विश्वसनीय है यह समझना आज कठिन है।


मौन रहते हुए अपने काम ही फोकस करना ज्यादा उचित होगा।


पुराने मित्रों से संपर्क करना चाहिए।


जिन लोगों ने लोन एप्लाई किया है उनको सकारात्मक सूचना मिल सकती है।


6- कन्या राशि


पारिवारिक सिद्धांतों और संस्कारों का पालन करते हुए उनका सम्मान करें।


किसी भी पारंपरिक संस्कार की उपेक्षा नहीं करनी चाहिए।


गरीब बच्चों को भोजन, कपड़े, पढ़ाई की व्यवस्था करें।


जीवनसाथी के सही निर्णयों की तारीफ करें।


घर में पूजा घर-


प्रत्येक पूजा एक आत्मविश्वास के साथ प्रारंभ होनी चाहिए, इसके लिए जरूरी है कि हानिकारक संवेदनाओं से दूर रहा जाए।


मन में एकाग्रता के साथ इच्छा शक्ति का सतत विकास होता रहे। यदि पूजा करने में एकाग्रता न हो तो फिर पूजा करने का क्या अर्थ है।


वैसे पूजा के दौरान मन सभी का भटकता है लेकिन यदि आपका पूजा करते समय मन के घोड़े पर लगाम लगाना कठिन हो जाता है। मन में द्वंद्व की स्थित हो जाती है।


तो इसका कारण आपके घर का पूजा स्थान का ठीक जगह न होना हो सकता है।


सही जगह पूजा गृह होने से उपासना में आपका मन लगता है, एकाग्रता बनी रहती है, पूजा करके आप शांत चित्त और आत्मविश्वास से भर उठता है।


घर का पूजा गृह अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहां बिखरी हुई शक्तियां एकत्रित होती है।


उपासना धर्म का आधार है और धर्म संसार का आधार है। धर्म पर ही समस्त विश्व का भार रखा हुआ है।


इसके लिए आपके घर का पूर्व और उत्तर का मध्य भाग यानी ईशान कोण बहुत महत्वपूर्ण है।


ईशान कोण में ऐश्वर्य निवास करता है इसलिए यही पर पूजा का स्थान आध्यात्मिक प्रयोजनों को सिद्ध करता है।


वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा का स्थान ईशान कोण में होता है। यानी उत्तर और पूर्व के मध्य में।


ईशान कोण के अधिपति  देवता बृहस्पति है। यह वास्तु पुरुष के मस्तक का क्षेत्र है। किसी भी भूखंड का सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र है।


वास्तुपद विन्यास के अनुसार ईशान कोण में ब्रह्मा का वास होता है और ब्रह्मा ही भाग्य विधाता है।


सही पूजा घर भविष्य की सूचना देता है। यदि पूजा घर सही जगह पर होता है तो घर में यहां रहने वालों को आचार-विचार से व्यवहार, सुख समृद्धि, संतति , संपन्नता इत्यादि सब प्राप्त होती है।


सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि आपके घर में पूजा स्थान ठीक जगह नहीं है तो घर में लोगों को मानसिक रूप से तनाव रहेगा। लिए गए निर्णय ठीक नहीं होते हैं। कंफ्यूजन की स्थिति बनी रहती है।


घर में पूजा गृह का अर्थ है देवताओं की उपासना करने का स्थान। इसे मंदिर लोग कहते हैं लेकिन घर के पूजा घर में मूर्ति स्थापना नहीं होनी चाहिए।


आजकल घरों में पूजा स्थान की जगह लोग मंदिर बनवा कर वहां देवताओं की स्थापना करवाने लग गए हैं। दरअसल वैदिक रीति से देव स्थापित मंदिर अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का कार्य है।


कुछ अपवादों को छोड़कर घर का वातावरण और पवित्रता ऐसी नहीं हो पाती है। प्राणप्रतिष्ठा के बाद देवता के प्रति बहुत अधिक जिम्मेदारी बढ़ जाती है।


जब ऐसा नहीं हो पाता तो देव अपराध लगता है, देवता कुपित होते हैं, जिसका परिणाम अच्छा नहीं होता।


घर में पूजा स्थान हो  तो आप इसे मंदिर का आकृति रूप दे दें भी ठीक है किंतु घर में बड़ी देव मूर्तियों की स्थापना नहीं करवानी  चाहिए।


यदि करवा चुके हैं तो यह आप पर भारी जिम्मेदारी है, जिसका बोध आपको रहना चाहिए। स्वच्छता, नियमित भोग, आरती की अखण्डित व्यवस्था आदि रखनी होगी।


कैसी मूर्तियां रखें - सावधानियां


पूजा गृह में श्री गणेश, दूर्गा के चित्र या छोटी मूर्तियां उत्तर की दीवार पर दक्षिण की ओर मुंह करके रखनी चाहिए।


ब्रह्मा, विष्णु, कार्तिकेय का मुंह पूर्व या पश्चिम में रखना ठीक है। अगर आपके पास सूर्य भगवान की फोटो हो तो उसे पूर्व में रखें।


एक और बात यहां महत्वपूर्ण है कि घर में एक बालिश्त से कम ऊंचाई की ठोस पाषाण मूर्तियां ही रखना उचित है। इससे बड़ी प्रतिमाएं घर में रखने की शास्त्र अनुमति नहीं देता।


कुछ ग्रंथो ने तो आठ अंगुल से बड़ी मूर्तियों को घर में न रखने का निर्देश दिया है। माना जाता है कि यदि मूर्तियां मिट्टी की हैं या अन्दर से खोखली हैं तो इनमें दोष नहीं है।


एक बात ध्यान रहें कि किसी प्राचीन मंदिर की मूर्ति लाकर अपने पूजा घर में नहीं रखनी चाहिए।


शास्त्र कहते है कि घर में दो शिवलिंग, दो शंख, दो सूर्य प्रतिमाएं, दो शालिग्राम, तीन दुर्गा प्रतिमाएं नहीं रखनी चाहिए।


यदि आप प्रतिदिन हवन करते हों तो हवन के लिए कुंड पूजा घर के आग्नेय कोण में  बनवाएं।


यदि अखंड दीप जलाना हो तो वह भी इसी कोण में जलाना चाहिए। यहां पर प्रकाश होना चाहिए।


भूल कर भी पूजा घर में शयन नहीं करना चाहिए। न ही किसी को वहां सोने की अनुमति देनी चाहिए।


अपने पूजा कक्ष को अत्यंत पवित्र रखना चाहिए। झाड़ू व कूड़ा पूजा के कक्ष में कभी न रखें।


यहां कोई अपवित्र वस्तु भी नहीं होनी चाहिए। पूजा गृह को साफ करने और घर के अन्य कक्षों को साफ करने का झाड़ू-पोछा अलग होना चाहिए।


बहुत से घरो में पूजा कक्ष में ही लोग कीमती सामान जेवर इत्यादि रख देते है। ऐसा करना ठीक नहीं है। धर्म के स्थान पर यदि धन रखने लगेंगे तो घर के मुखिया चित्त में सदैव धन ही धन रहेगा। जोकि अशांति देगा।


कुछ लोग लक्ष्मी,गणेश ,कुबेर आदि देवताओं की प्रतिमाओं को प्रवेश द्वार पर लगाना शुभ मानते है यहां एक विचारणीय बात है कि देवता तो सर्वदा पूज्य होते हैं, वे कोई पहरेदार नहीं है।


यदि लगा चुके हैं और हटा भी नहीं सकते हैं तो प्रतिदिन आप द्वार पर जाकर उनकी पूजा अर्चना करें। नियमित  भोग लगाएं। जो भोग आरती पूजा घर के भगवान की होगी उसी प्रकार द्वार के देवता की भी होगी।


7- तुला राशि


आज आपको कर्मक्षेत्र में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। गंभीरता के साथ उसको निभाने की प्लानिंग करनी होगी।


सामाजिक दायित्व ज्यादा नहीं लेने चाहिए।


आज पहले किए निवेश का फल भी प्राप्त हो सकता है।


उधारी वापस मिल सकती है।


8- वृश्चिक राशि


वर्तमान समय में तनाव के चलते जॉब छोड़ने की बात करना उचित नहीं होगा। निर्णय लेने से पहले ठंडे दिमाग से अवश्य सोचें।


नशे के लिए जो प्रोत्साहित करने वालों से दूर ही रहें।


सदाचारी दोस्तों के साथ ही समय बताएं।


हड्डियों को मजबूत रखने वाले आहार खाएं।


9- धनु राशि


अत्यधिक वर्क-लोड के कारण अत्यधिक क्रोध आ सकता है।


ग्रहों की स्थिति काम का लोड बढ़ाकर आपके धैर्य की परीक्षा ले रही है।


डायबिटीज के रोगियों को सचेत रहने की आवश्यकता है।


घर का सुख चैन समाप्त न होने दें।


10- मकर राशि


आज गपशप कर के दिन बर्बाद नहीं करना चाहिए। समय बहुत कीमती है, इसलिए केवल ऑफिस के कामों पर ही फोकस करें।


क्रोध से बचें बीपी हाई हो सकता है।


विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए यात्रा करनी पड़ सकती है।


भाई के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है।


11- कुम्भ राशि


बिजनेस करने वालों को अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए विज्ञापन का सहारा लेना पड़ सकता है। आज मार्केटिंग को लेकर कुछ प्लान अवश्य बनाएं।


कौन सी चीजें हैं, जो सेहत को खराब कर रही हैं। उसे ठीक करें।


मंदिर जाएं, प्रसाद चढ़ाएं और कुछ देर मंदिर में बैठे।


मंदिर की सकारात्मक ऊर्जा आपको मानसिक शांति प्रदान करेगी।


12- मीन राशि


आज मन एक जगह नहीं लगेगा। एकाग्र होकर कार्य पर ही फोकस करना होगा।


सहयोगियों से को-ऑर्डिनेट करके चलें। दूसरों से सहयोग लेना पड़ सकता है।


घरेलू काम के लिए  पड़ोसी की भी मदद लेनी पड़ सकती है।


किसी परिचित का स्वास्थ्य खराब हो तो उसके हाल चाल लेने अवश्य जाएं।


20.07.2019(शनिवार)


संवत् – 2076


माह-  श्रावण कृष्ण पक्ष


तिथि -तृतीया


चन्द्रमा -  कुम्भ राशि


नक्षत्र - शतभिषा  नक्षत्र


भद्रा- आज प्रातः 09 :14 तक पृथ्वी पर है।


पंचक- आज है।


राहु काल-  सुबह 09:00 से सुबह 10:30 बजे तक


दिशा शूल-  पूर्व दिशा  (रास्ते के लिए लईया चना लेकर जाएं)


कार्यक्रम - घर में पूजा घर