नई दिल्ली, एबीपी गंगा। जानिए, क्या कहता है आज आपका राशिफल (3 अगस्त, 2019)... मेष, वृष, मिथुन, कर्क समेत सभी 12 राशियों के लोगों के लिए क्या चीज रहेगा लाभकारी और किन चीजों से उन्हें सावधान रहना है। स्वाद और ग्रहों का आपस में क्या है कनेक्शन। ये सब बताया है आपके अपने एस्ट्रो फ्रेंड पंडित शशिशेखर त्रिपाठी ने।
आज का राशिफल
1- मेष राशि
फोकस - आज शोधपरक कार्य करें, काम में कुछ नया करने की जरुरत हैं
अलर्ट - अपनी आंखों का ख्याल रखें
2- वृष राशि
फोकस - अपनी कम्यूनिकेशन स्किल पर ध्यान दें, आपको लाभ होगा
एलर्ट - दूसरों के प्रति संवेदनशील बने रहें
3- मिथुन राशि
फोकस - अपने हुनर को दिखाने का समय है
एलर्ट - आज मन भटक सकता है
4- कर्क राशि
फोकस- ऑफिस में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है
एलर्ट - गुस्से पर काबू रखें, ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है
विषय 1
- आज हम लोग बात करते हैं स्वाद और ग्रह का आपस में क्या कनेक्शन है। स्वाद और स्वास्थ्य का गहरा संबंध है। इस संबंध पर चर्चा करने से पहले ज्योतिष और आयुर्वेद के दृष्टिकोण से कफ, पित्त, वात को समझना आवश्यक है जिसे त्रिदोष कहा गया है। इसके साथ ही पंच तत्वों और ऋतुओं के विषय में समझना जरूरी है।
-आयुर्वेद के अनुसार छह प्रकार के स्वाद होते हैं। हर स्वाद में पांच में से दो तत्वों का मिश्रण होता है। जिससे उस स्वाद की ऊर्जा एवं विशेषता तय की जा सकती है। इसी आधार पर यह समझा जा सकता है कि कौन-सा स्वाद किस त्रिदोष को बढ़ाएगा या घटाएगा। चलिए जानते हैं ग्रहों का कनेक्शन.. ))
हेडर- स्वाद और ग्रहों का संबंध
सूर्य-
- सूर्य प्रधान रुप से पित्त और कुछ अंश वात का रखता है, ये अग्नि तत्व हैं, इसकी ऋतु ग्रीष्म और स्वाद कड़वा होता है
चन्द्रमा-
- चन्द्रमा प्रधान रुप से वात और कुछ अंश कफ से संबधित होता है,इसका स्वाद नमकीन होता है
इसका तत्व जल है और ऋतु वर्षा है
मंगल-
मंगल पित्त प्रधान है और इसका स्वाद तीखा होता है
ये अग्नि तत्व है और ऋतु ग्रीष्म है
बुध-
- बुध वात, पित्त और कफ यानि त्रिदोषो का संगम है, इसका स्वाद मिला जुला होता है
तत्व पृथ्वी है और ऋतु शरद है
बृहस्पति-
प्रधान रुप से कफ और कुछ अंश में वात का प्रभाव रखता है, स्वाद मीठा होता है
तत्व आकाश है और ऋतु हेमंत है
शुक्र-
-शुक्र मुख्य रुप से वात और कुछ अंश में कफ प्रधान होता है, स्वाद खट्टा होता है
तत्व जल और ऋतु वसंत है
शनि-
- शनि मुख्य रुप से वात और कुछ अंश में कफ लिए होता है, स्वाद कसैला होता है
तत्व वायु और ऋतु शिशिर होती है
ग्रह और स्वाद तत्व, एवं ऋतु के संबंध को जानने के बाद स्वस्थ्य रखने के लिए इनके अनुकूल भोजन ग्रहण करना ही स्वास्थ्यवर्धक होगा। )))
हेडर- किस स्वाद से होगी सेहत दुरुस्त ?
यदि शरीर में वात दोष हो तो मीठे, नमकीन और खट्टे खाद्य पदार्थों का सेवन लाभदायक है
मीठे, नमकीन और खट्टे के सेवन से वात दोष कम होता है
यदि कफ की अधिकता हो तो तीखे स्वाद वाले पदार्थों का सेवन लाभकारी
यदि पित्त अधिक हो तो नमकीन स्वाद वाली खाद्य वस्तुओं का कम से कम सेवन करना चाहिए
खट्टे और तीखे स्वाद की वस्तुओं को भी नहीं खाना चाहिए
पित्त कम करने के लिए ठंडक देने वाले मसाले हल्दी, धनिया का इस्तेमाल करना चाहिए
- (इसी प्रकार मौसम विशेष में कुछ वस्तुओं का सेवन वर्जित बताया गया है। ग्रह का एक विशेष मौसम पर अधिकार होता है। दर्शकों सावन का समय है तो इस माह किन चीजों का सेवन करना वर्जित बताया गया है.. तो इसको जानते हैं....))))
हेडर- सावन माह में क्या न खाएं ?
-दूध, दही और प्याज नहीं खाना चाहिए
-बैंगन की सब्जी से दूर रहें, कढ़ी नहीं खानी चाहिए
-हरी सब्जियां और बासी वस्तुओं का भी कम प्रयोग करें
5- सिंह राशि
फोकस - बड़े भाई के साथ संबंध मधुर रखें, आज उनसे मदद लेनी पड़ सकती है
एलर्ट - सरकारी कार्य के बनने में मुश्किलें आएंगी
6- कन्या राशि
फोकस - आज दूसरों को खुश करने में लगना होगा
व्यवसाय में लाभ के लिए पहले से योजना बनाने की जरुरत
अलर्ट - विवादों से दूर रहें, तनाव हो सकता है
7- तुला राशि
फोकस - आज दोस्तों के साथ समय बिताएंगे
एलर्ट - आलस से दूर रहें नहीं तो काम बिगड़ सकता है
8- वृश्चिक राशि
फोकस - आज जो भी जिम्मेदारियां मिले उनको बखूबी निभाएं
एलर्ट - आपके व्यवहार से दूसरों को चोट पहुंच सकती है
विषय 2
हेडर- घर में पूजा का सही तरीका
- उपासना करना वैसे तो भाव पूर्ण कार्य है, यानी आप शुद्ध हृदय से उपासना करें। -आजकल इतनी व्यस्त जिंदगी हो गई है कि ऐसा भाव बन नहीं पा रहा। इसलिए हम लोगों को कुछ नियमों का भी पालन करना चाहिए, और एक सिस्टमैटिक तरीके से धीरे-धीरे साधना को अपग्रेड करना चाहिए। जिस प्रकार से स्कूल में बच्चा पढ़ने जाता है, तो उसको डॉट डॉट कर के निशान बना कर ए बी सी डी लिखाते हैं, ताकि उसके ऊपर वह लिख कर प्रेक्टिस कर सकें। इसी तरीके से उपासना में भी कुछ विधि-विधान होते हैं जिसको करने से मन प्रोटेक्ट होता है, नियमित होता है और सही दिशा की ओर अग्रसर होता है।
- सबसे पहले उपासना में स्नान करके और शांत चित्त से पूजा घर में पहुंचना चाहिए। किसी भी प्रकार की कोई जल्दी नहीं होनी चाहिए, अगर आप 5 मिनट पूजा कर रहे हैं तो उस बीच में अपने ऑफिस व घर का तनाव इन सब को भूल कर केवल पूजा में फोकस करना चाहिए।
- पूजा में पंच तत्वों की मौजूदगी होनी आवश्यक है। ये पंच तत्व हैं- अग्नि, पृथ्वी, वायु, जल, आकाश
- पूजा घर में पंचतत्व में तीन तत्व पहले से ही उपस्थित रहते हैं- आकाश, वायु और पृथ्वी
आवश्यकता पड़ती है अग्नि तत्व और जल तत्व
अग्नि तत्व के लिए देसी घी का दीपक जलाएं और जल तत्व के लिए कलश में साफ जल रखें
-आंखें बंद करके ईश्वर से प्रार्थना करें, अपनी परेशानियां प्रभु से बताएं...ईश्वर को धन्यवाद दें, हर रोज शिकायतों कंप्लेंट की लिस्ट लेकर मत खड़े हो जाए।
- पूजा शुरू करने से पहले पूजा स्थान को साफ जरुर करें
- यदि भगवान की मूर्ति है तो उसको स्नान करा लें, पूजा का आरंभ गणेश जी की पूजा से करें
- बांस की डंडी वाली अगरबत्ती का प्रयोग न करें, बांस का प्रयोग पूजा में निषिद्ध है
- अगरबत्ती की जगह धूपबत्ती का प्रयोग करें
- अंत में एक छोटे से कलश में जल लेकर घर की तुलसीजी को जल चढ़ाएं
-अगर तुलसी नहीं लगी तो तुलसी जरूर लगाएं, मां तुलसी का आशीर्वाद आवश्यक है
-पूजा स्थान पर एक शंख होना चाहिए, पूजा के बाद शंख जरुर बजाएं
- शंख बजाना आध्यात्मिक और स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद लाभप्रद
- संभव हो तो पूर्णिमा या अमावस्या के दिन हवन अवश्य करें
- पूजा करने के बाद घंटी अवश्य बजानी चाहिए
9- धनु राशि
फोकस - ऑफिस में कार्य का दबाव ज्यादा रहेगा
अलर्ट - तनाव से दूर रहें, रोग का कारण बन सकता है
10- मकर राशि
फोकस - पूजा-पाठ के लिए समय निकालें, सुन्दर कांड का पाठ करें
अलर्ट - घर-परिवार में खुशी का माहौल बनाए रखें
11-कुंभ राशि
फोकस - आज कार्य न बनें तो धैर्य बनाए रखें
अलर्ट - व्यापार से जुड़े लोगों की बड़े ग्राहकों से अनबन होने की आशंका है
12- मीन राशि
फोकस- मनचाही जगह पर ट्रांसफर होने की सूचना मिल सकती है
अलर्ट - बॉस की बातों को ध्यान से सुनें, गलत प्रतिक्रिया न दें
03.08.2019
संवत् – 2076
माह– श्रावण
पक्ष- शुक्ल पक्ष
तिथि - तृतीया
वार- शनिवार
योग- परिघ योग
चन्द्रमा - सिंह राशि
नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र
राहु काल- सुबह 09:00 से 10:30 बजे तक
दिशा शूल- पूर्व दिशा, लईया चना खा कर घर से निकलें
सावन टिप्स
सावन में प्रतिदिन प्रात: काल पंचामृत यानि गंगाजल, दूध, शहद, दही और घी से भगवान शिव का अभिषेक करे
सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं