'...तब मेरी बात नहीं मानी गई', 69,000 शिक्षक भर्ती मामले पर बोले AAP नेता संजय सिंह
UP Teacher Bharti: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में आप नेता संजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि मैंने बार-बार इस मुद्दे को उठाया था, और वो बात सच निकल कर आई, तब हमारी बात मानी नहीं गई थी
UP Teacher Recruitment: उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में योगी सरकार को झटका लगा है. हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है तो वहीं यूपी सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने प्रतिक्रिया दी है.
उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर आप नेता संजय सिंह ने कहा, 'यूपी 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को मैंने बार-बार इस मुद्दे को उठाया था, और वो बात सच निकल कर आई, तब हमारी बात मानी नहीं गई. उसमें आरक्षण के नियमों का उल्लंघन किया गया था, और पिछड़ा वर्ग के लोगों के आरक्षण को छीना गया था.'
यूपी शिक्षक भर्ती मामले पर बोले संजय सिंह
AAP नेता संजय सिंह ने कहा, 'अब दोनों पक्ष आंदोलन कर रहे हैं, जो नौकरी से निकाले गए और जिनको नौकरी मिलनी चाहिए थी. सरकार इसका समाधान निकाले, और इसका समाधान निकाल कर आरक्षण और उसकी मूल भावना के अनुसार उसके मूल स्वरूप में उसके नियमों के अनुसार, वगैर कोई हेरफेर किए लागू होना चाहिए. जो शिक्षक भर्ती की बात है, आपने (सरकार) 69,000 भर्ती किया. बहुत सारे शिक्षकों का पोस्ट अभी भी ख़ाली है. पूरी पोस्ट भरिए और सबको नौकरी दीजिए.'
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शिक्षक भर्ती का मामला
हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में हजारों शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है. कोर्ट ने तीन महीने में नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया है. जिसके बाद कई तरह के कयास लग रहे हैं. इस बीच ओबीसी वर्ग के अभ्यार्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट डाल दी है.
69,000 शिक्षक भर्ती मामले में सबसे पहले ओबीसी अभ्यर्थियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी गई है ताकि कोर्ट कोई फैसला लेने से पहले उनके पक्ष को भी सुने. ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों ने अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के सुप्रीम कोर्ट जाने की सूरत में उनका भी पक्ष सुनने के लिए ये कैविएट दाखिल की है.
हाईकोर्ट ने कर दिया था मेरिट लिस्ट रद्द
69,000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार (16 अगस्त) को अपना फैसला सुनाते हुए इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को ही रद्द कर दिया था. इसके साथ ही कोर्ट ने तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश जारी किया था.
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