नई दिल्ली, एजेंसी। आम आदमी पार्टी (आप) ने सोमवार को दावा किया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह जब रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के दौरे से लौट रहे थे, तब उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें कुछ घंटों के लिए हिरासत में ले लिया. पार्टी ने कहा कि सिंह, पूर्व विधायक निर्वेंद्र मिश्रा के परिजनों से मिलने गए थे. जमीन के एक विवाद के सिलसिले में कुछ लोगों से हुई तकरार के बाद रविवार को मिश्रा की मौत हो गई थी.


आप के मुख्य प्रवक्ता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सिंह को उत्तर प्रदेश पुलिस ने अटरिया सीतापुर में एक अतिथि गृह में कुछ घंटे हिरासत में रखा. भारद्वाज ने कहा कि राज्य सभा सदस्य सिंह को हिरासत में लेने का पुलिस के पास कोई कारण नहीं था.


संजय सिंह के सवाल बने वजह!
भारद्वाज ने संवाददाताओं से कहा, 'उत्तर प्रदेश में लोग इतने भयभीत हैं कि कोई भाजपा नीत सरकार से सवाल पूछने की हिम्मत नहीं करता. ठाकुर समुदाय से आने वाले एकमात्र नेता संजय सिंह हैं जो योगी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'योगी सरकार ने संजय सिंह को डराने के लिए उनके विरुद्ध 13 प्राथमिकी दर्ज की है और कल उन्होंने उन्हें हिरासत में रखा.'


डराने की नीति !
उन्होंने कहा, 'यह केवल उन्हें डराने और उनकी आवाज को दबाने के लिए किया जा रहा है क्योंकि वह दलितों और ब्राह्मणों के अधिकारों की बात कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी का रुख एकदम स्पष्ट है और पार्टी की ओर से मैं अजय मोहन बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) को बताना चाहता हूं कि कि आम आदमी पार्टी को डराया नहीं जा सकता.' जमीन विवाद को लेकर हुई झड़प के दौरान 75 वर्षीय मिश्रा की मौत हो गई थी. पुलिस के मुताबिक उनके शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं थे.


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