लखनऊ: कानून व्यवस्था समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर इन दिनों उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमलावर आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह बृहस्पतिवार को अचानक राज्य विधानसभा पहुंचे. विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन सिंह विधान भवन पहुंचे. गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने थर्मल स्कैनिंग करने के बाद उन्हें अंदर जाने दिया. बाद में सिंह विधानसभा की राज्यपाल दीर्घा में बैठकर सदन की कार्यवाही देखने लगे. इस बारे में जानकारी मिलने पर वहां हड़कंप मच गया.


सिंह ने न्यूज एजेंसी 'भाषा' को बताया कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में ब्राह्मणों और अन्य जातियों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाते हुए एक जाति विशेष के लिए काम करने का आरोप लगाने पर उनके खिलाफ 9 मामले दर्ज किए हैं. वो विधानसभा के अंदर इसलिए गए थे कि अगर सरकार उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है तो कर ले. मगर सरकार ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी.


आम आदमी पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रभारी संजय सिंह इन दिनों कानून व्यवस्था और कोरोना वायरस संकट को लेकर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर खासे हमलावर हैं. उन पर एक जाति विशेष के खिलाफ टिप्पणी कर वैमनस्य फैलाने के आरोप में राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में लगभग 9 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. ऐसे में सिंह का अचानक विधानसभा पहुंचना खासा चर्चा का विषय बना हुआ है.


विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने इस बारे में पूछे जाने पर बताया कि विधानसभा की नियमावली में है कि कोई भी संसद सदस्य या केंद्रीय मंत्री विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए आ सकते हैं. अगर उनके खिलाफ कोई मसला है तो वो सचिवालय सुरक्षा प्रशासन से संबंधित मामला है लेकिन अगर वो परिसर में एक बार आ गए तो नियमावली के प्रावधान लागू होते हैं. हम उन्हें नहीं रोक सकते.


उन्होंने कहा कि सांसद और केंद्रीय मंत्री राज्यपाल दीर्घा से ही बैठ कर कार्यवाही देखते हैं, लिहाजा यह कोई मुद्दा नहीं है और इसे तूल नहीं दिया जाना चाहिए. कई मामले दर्ज होने के बावजूद संजय सिंह को विधानसभा के अंदर कैसे जाने दिया गया, इस सवाल पर विधानसभा के मुख्य सुरक्षा अधिकारी मनीष चंद्र रॉय ने कहा कि वह इस बारे में कुछ भी बताने के लिए अधिकृत नहीं हैं.


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