UP News: उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के परिवार से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) की याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला रिजर्व कर लिया है. याचिका में पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट को रद्द करने की मांग की गई है. अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान 100 चार पहिया और दो पहिया वाहनों के साथ जुलूस निकाला था. आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मऊ कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.


एसआई आदर्श श्रीवास्तव ने 10 मार्च 2022 को आईपीसी की धारा 171एच, 188, 341 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी. मामले में अब्बास अंसार, भाई उमर अंसारी, मंसूर अंसारी, शाहिद लारी, साकिर लारी उर्फ शकील और अज्ञात के खिलाफ एफआईआर कराई गई थी. याची अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने अदालत में पक्ष रखा. वहीं अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने एफआईआर रद्द करने का विरोध किया.


सुभासपा से विधायक हैं अब्बास अंसारी


इसके बाद जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने फैसला रिजर्व किया. गौरतलब है कि अब्बास अंसारी, ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से विधायक है. ओपी राजभर की पार्टी इन दिनों एनडीए का हिस्सा है. वहीं 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सुभासपा का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन था.


इस मामले में जमानत याचिका हो चुकी है खारिज


बता दें कि लगभग एक महीना पहले ही चित्रकूट जेल में बंद रहने के दौरान अब्‍बास अंसारी की गैर कानूनी ढंग से पत्नी निकहत बानो से मुलाकात के मामले में एक अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी. चित्रकूट की जेल में बंद रहने के दौरान बिना पर्ची के अपनी पत्नी निकहत बानो से मुलाकात करने, जेल के अंदर से गवाहों को धमकाने और उनकी हत्या करने की योजना बनाने के आरोपी विधायक अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी को भ्रष्टाचार निवारण की प्रभारी विशेष न्यायाधीश शालिनी सागर ने खारिज कर दिया. आदेश पारित करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अपराध गंभीर हैं और अंसारी इस समय जमानत के हकदार नहीं हैं.


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