Abbas Ansari news: मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) पर जेल के अंदर पत्नी के साथ वक्त बिताने का मामला सामने आने पर शिकंजा कस गया है. इस के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने आनन-फानन में उसे चित्रकूट जेल से कासगंज जेल (Kasganj Jail) ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके साथ ही चित्रकूट की पुलिस (Chitrakoot Police) अब्बास अंसारी को लेकर कासगंज जेल के लिए निकल चुकी है. पुलिस उसे बुंदेलखंड एक्सप्रेस (Bundelkhand Express) के जरिए कासगंज के लिए लेकर निकल गई है.
अब्बास की निगरानी बढ़ी
मामले की शिकायत मिलने पर आनन-फानन में चित्रकूट जिला प्रशासन की तरफ से अब्बास अंसारी के जेल बदलने को लेकर चिट्ठी लिखी गई. इसके बाद तत्काल लखनऊ से एक्शन भी हो गया. निकहत का मामला सामने आने के 72 घंटे के भीतर अब्बास अंसारी की जेल बदली के आदेश जारी कर दिए गए. अब न सिर्फ अब्बास अंसारी और निकहत अंसारी अलग-अलग जेल में बंद रहेंगे. बल्कि, अब्बास की निगरानी और ज्यादा बढ़ा दी गई है.
पैसों को लेकर विवाद के बाद खुला मामला
बताया जाता है कि पत्नी के जेल में बुलाने के बदले अब्बास अंसारी जेल स्टाफ को मोटी रकम पहुंचाता था. इसी रकम के बंटवारे को लेकर जेल स्टाफ में विवाद हो गया और किसी स्टाफ ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से कर दी. जब जिला प्रशासन जेल में पहुंचे तो अब्बास अंसारी की पत्नी अपने पति अब्बास अंसारी के साथ जेल उप-अधिक्षक के कक्ष में मिली. जहां से चित्रकूट एसपी ने अब्बास को फिर से उसके बैरक में पहुंच गया. बताया जाता है कि अब्बास की पत्नी निकहत 4-5 घंटे तक जेल में पति के साथ रहती थी. खास बात ये है कि उनकी पत्नी के जेल जाने की न तो एंट्री होती थी और न ही वीडियो वाल में उसका नजारा ही दिखता था.
सिपाही जगमोहन का था बड़ा रोल!
बताया जाता है कि इस पूरे खेल के पीछे वार्डन जगमोहन की बड़ी भूमिका मानी जा रही है. जगमोहन वही वार्डन है, जो शूटर मुन्ना बजरंगी के साथ बागपत जेल में रह चुका है. चित्रकूट जेल में गैंगवार के दौरान भी जगमोहन तैनात रह चुका है. सूत्रों के मुताबिक गजमोहन खुद को मुख्तार अंसारी और अब्बास अंसारी का सबसे खास बताया था. इसके साथ ही वह अब्बास से मिलने वाली रकम का बड़ा हिस्सा खुद ही हजम कर जाता था, जिसको लेकर ही जेल स्टाफ में विवाद पैदा हो गया था और उचित हिस्सा नहीं मिलने से नाराज किसी जेलकर्मी ने इसकी शिकायत प्रशासन से कर दी, तब जाकर ये मामला खुल गया. खास बात ये है कि इससे पहले भी कई बार अवैध गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर जगमोहन को निलंबित किया जा चुका है. लेकिन, बहाल होते ही वह फिर से वह अपने पुराने धंधे में लग जाता है. डीआईजी जेल ने जांच के बाद एक फिर से जगमोहन को निलंबित कर दिया है.
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