फिल्में फ्लॉप होने पर क्या करने लगे थे अभिषेक बच्चन, इंटरव्यू में बताया-कोई फर्क नहीं पड़ता किसके बेटे हो
अभिषेक बच्चन ने बॉलीवुड में साल 2000 में फिल्म 'रेफ्यूजी' से डेब्यू किया था। इस फिल्म के लिए अभिषेक के काम की बहुत तारीफ हुई थी। अभिषेक बच्चन ने अपने पिता अमिताभ बच्चन का सहारा लिए बिना ही बॉलीवुड में पहचान बनाई है।
बॉलीवुड के बंटी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। अभिषेक के 20 साल के करियर में बहुत से उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। अभिषेक को जो भी प्रोजेक्ट ऑफर हुए, उन्होंने वो फिल्म कर ली। स्क्रिप्ट पर ध्यान ना देना अभिषेक को महंगा पड़ गया। इसके चलते अभिषेक बच्चन ने 4 साल में लगातार 17 फ्लॉप फिल्में दीं।
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साल 2004 में अभिषेक बच्चन ने फिल्म 'धूम' में काम किया और ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई। इस फिल्म के बाद उन्होंने 'बंटी और बबली', 'युवा', 'ब्लफमास्टर', 'गुरु' और 'दोस्ताना' जैसी सुपरहिट फिल्में देकर ये साबित कर दिया कि वो बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के बेटे हैं।
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एक इंटरव्यू के दौरान अभिषेक ने कहा था, 'जब कोई एक्टर फ्लॉप फिल्में देता है तो लोग उसका फोन उठाना बंद कर देते हैं। फिर वो ये नहीं सोचते कि आप किसके बेटे या बेटी हो। फ्लॉप होना दुनिया की सबसे खराब फीलिंग होती है जो आपको एक इंसान के तौर पर खत्म सा कर देती है।'
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करियर की शुरुआत में अभिषेक की कई फिल्में फ्लॉप हो गई थीं। आपको एक बात शायद हैरान कर दे, उन्होंने फिल्में ना मिलने पर LIC एजेंट के काम में भी अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश की थी।
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अभिषेक बच्चन ने उस वक्त वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर दिया था। जब फिल्म 'पा' में उन्होंने अपने ही पिता यानी बिग बी के पिता का रोल निभाया था। इस फिल्म के लिए जूनियर बच्चन का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
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वर्क फ्रंट की बार करें तो अभिषेक बच्चन के पास इस समय कई सारे प्रोजेक्ट हैं। इसमें अनुराग बसु की 'लुडो', कुकी गुलाटी की 'द बिग बुल' और शाहरुख खान के साथ 'बॉब बिस्वास' में नजर आएंगे।