ABP C-Voter Survey: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी एक बार फिर से गठबंधन के फॉर्मूले को अपना कर सत्ता पाने की कवायद में जुट गयी है. सपा मुखिया अखिलेश यादव लगातार छोटे दलों से गठबंधन करके अपने को बड़ा पेश करने में लगे हुए हैं. हालांकि सपा के पुराने अनुभवों में गठबंधन उनके लिए ज्यादा मुफीद नहीं रहा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण दुरूस्त रखने के लिए पूर्वांचल से लेकर पश्चिमी यूपी तक के दलों से गठबंधन की गांठों को मजबूत करने में जुटे हैं.


राजनीतिक पंडित कहते हैं कि सपा की नजर इस बार गैर यादव वोटों पर है. पश्चिम में सपा का वोट बेस मुस्लिम समुदाय में है. ऐसे में मुस्लिम वोट क्या समाजवादी पार्टी के पाले में जाएगा ये बड़ा सवाल बना हुआ है. एबीपी न्यूज़ ने सी वोटर के साथ मिलकर जनता का मूड जाना है.


मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी के पक्ष में एकजुट हो रहा है ?


हां- 48
नहीं- 37
पता नहीं-15


सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक 48 फीसदी लोग मानते हैं कि मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी के पक्ष में एकजुट हो रहा है. वहीं 37 फीसदी लोग इससे अलग राय रखते हैं. 15 फीसदी लोगों का जवाब पता नहीं है.


बता दें कि गठबंधन के दो बड़े प्रयोग सपा पहले भी कर चुकी है. 2017 में सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था. लेकिन न कांग्रेस का वोट सपा को ट्रान्सफर हुआ. न उनका इन्हें मिला. 2019 के लोकसभा चुनाव में 29 साल बाद सपा बसपा ने गठबंधन किया. सपा का वोट मायावती को ट्रान्सफर नहीं हुआ. न मायावती का वोट सपा को ट्रान्सफर हुआ. अगर होता तो बड़ी सफलता मिलती है. अभी जो गठबंधन है उसमें वोट एक दूसरे को ट्रांसफर होंगे यह सवाल हैं. अभी सपा ने ओमप्रकाश राजभर और जयंत चौधरी के साथ गठबंधन किया है.


(नोट: उत्तर प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. राज्य का राजनीतिक तापमान बेहद गर्म है. abp न्यूज के लिए CVOTER ने साप्ताहिक सर्वे के जरिये यूपी की जनता का मूड जाना है. इस सर्वे में यूपी के 2 हज़ार 456 लोगों ने हिस्सा लिया है. सर्वे 18 से 24 नवंबर के बीच का है. इसमें मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस तीन से प्लस माइनस 5% है.)