आगरा में एबीपी गंगा रियलटी चेक: स्वच्छता अभियान को मुंह चिढा रहे हैं लाखों की लागत से बने पिंक टॉयलेट
मोदी सरकार ने स्वच्छता अभियान पर देश में जो अलख जगाई है वह सभी जानते हैं। लेकिन सरकार के इन प्रयासों को आगरा में झटका लगा है। एबीपी गंगा के रियलटी चेक में निराशाजनक तस्वीर सामने आई है।
आगरा, नितिन उपाध्याय। आगरा में स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, मोदी और योगी सरकार चाहती है घर घर टॉयलेट हो, और सार्वजनिक स्थानों पर भी टॉयलेट हो, ताकि लोगों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो। लेकिन यहां तस्वीर एकदम विपरीत है। आगरा में सरकार द्वारा भेजे गए फंड से नगर निगम ने शहर के प्रमुख चौराहों और स्थानों पर महिलाओं के लिए विशेष तौर पर 28 पिंक टॉयलेट तो बना दिये, लेकिन 65 लाख की लागत में बने ये टॉयलेट ज्यादातर जगह बन्द पड़े हैं, और जहां खुले भी हैं, वहां सफाई की व्यवस्था नहीं है और ना ही हाथ धोने और फ्लश के लिए पानी की व्यवस्था है। ऐसे में बनाये गए टॉयलेट जनता के पैसे की पूरी तरह बर्बादी है।
बुधवार को जब एबीपी गंगा की टीम ने रियलिटी चेक किया तो पाया कि व्यस्ततम चौराहों में से एक राजा मंडी हो, संजय प्लेस हो या फिर भगवान टॉकीज हो सभी जगह टॉयलेट बन्द हैं, टॉयलेट के गेटों पर ताले पड़े हुए हैं। हाथ धोने के लिए पानी नहीं है, और पानी की टंकी खाली पड़ी हुई है और इक्का दुक्का जगह पिंक टॉयलेट खुले भी मिले तो वहां सफाई की व्यवस्था नजर नहीं आयी और ना ही कोई प्रॉपर ड्रेनेज सिस्टम नजर आया।
ऐसे में महिलाएं जब घर से बाहर किसी भी काम से निकलती हैं, और उन्हें टॉयलेट जाना हो तो ये टॉयलेट का वो प्रयोग नहीं कर पा रही हैं। ऐसे में आगरा के वाटर वर्क्स चौराहे पर पिंक टॉयलेट तो खुला मिला, महिला कर्मचारी भी तैनात मिलीं लेकिन पानी और साफ सफाई की व्यवस्था बिल्कुल जीरो नजर आई। इसको लेकर जब आगरा के मेयर नवीन जैन से बात हुई तो पूरी तरह अनभिज्ञ नजर आये, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन की उड़ती धज्जियों पर सवाल खड़े होने के बाद अब मेयर जल्द टॉयलेट चालू कराने की बात कर रहे हैं।