मेरठ, एबीपी गंगा। में बंदरों का आतंक इस कदर है कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल है। बंदर किसानों की फसल बर्बाद कर रहे हैं और दुकानदार अपनी दुकान में रखे फल नहीं बचा पा रहे हैं। जो इन बंदरों को रोकने की कोशिश करता वो इनका शिकार हो जाता है। बंदरों को लेकर लोगों के मन में भय किस कदर व्याप्त है जे जानने के लिए एबीपी गंगा की टीम ने शहर से लेकर गांव तक का दौरा किया।
एबीपी गंगा की टीम सबसे पहले मेरठ के जानी खुर्द थाना क्षेत्र के नेक गांव पहुची। यहां बंदर बेखौफ घरों और छतों पर आराम फरमाते दिखे। घर में सब्जी, फल, खाना, फ्रिज में रखा समान जो भी मिला वो इन बंदरों का निवाला बन गया। जो बंदरों को रोकने की कोशिश करता उसे ये काट लेते। बंदर अब तक कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। वहीं, सिवाल गांव की बात करें तो यहां ये बंदर काटने के साथ-साथ गुस्से में कपड़े तक फाड़ देते हैं।
एबीपी गंगा की टीम ने किसानों से भी बात की। बातचीत के दौरान पता चला इन बंदरों को गन्ना बहुत पसंद है और इसके लिए ये बंदर कई बार किसानों की फसल को भी बरबाद कर चुके हैं। कुछ किसान तो ऐसे दिखे जो बंदरों के आतंक से बचने के लिए किराए पर लंगूरी बंदर ले कर आए हैं ताकि उसे देखकर ये बंदर भाग जाएं और उनकी फसल बच सके।
सबसे चौंकाने वाली बात तो हाइवे और सड़कों पर दिखी। यहां तो बंदरों का आतंक इस कदर दिखा कि दुकानदार अपना फल भी नहीं बचा पा रहे हैं। एक साथ दर्जनों बंदर हमला कर फल लेकर फरार हो जाते हैं। दुकानदारों ने जाली भी लगवाई लेकिन इन बंदरों को अगर अपना शिकार सात समंदर पार भी दिखे तो ये उसे भी छोड़ने वाले नहीं है। लोगों की शिकायत और परेशानी को देखते हुए नगर निगम मेरठ ने इन बंदरों की धरपकड़ के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। लोग बस यही चाहते हैं कि उन्हें इन बंदरों से मुक्ति मिले और बच्चे सुरक्षित रहें।