ABP की खबर का असर, सब्जी बेचने को मजबूर खिलाड़ियों की मदद करेगा खेल मंत्रालय, इतने लाख देने का एलान
कोरोना काल में इन दोनों खिलाड़ियों के पिता की नौकरी चली गई. जिसके बाद घर में रोजी रोटी का संकट छा गया.
मेरठ: एबीपी गंगा की खबर का बड़ा असर हुआ है. कोरोना काल में पिता की नौकरी जाने के बाद सब्जी का ठेला लगा रहे राष्ट्रीय खिलाड़ियों की मदद के लिए खेल मंत्रालय ने हाथ बढ़ाया है. दोनों खिलाड़ी भाइयों को 5-5 लाख की आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है. दरअसल, सुनील चौहान और नीरज चौहान दोनों भाई हैं. सुनील चौहान बॉक्सिंग तो नीरज तीरंदाजी में कई मैडल जीत चुके हैं.
दरअसल, कोरोना काल में इन दोनों खिलाड़ियों के पिता की नौकरी चली गई. जिसके बाद घर में रोजी रोटी का संकट छा गया. यही वजह है कि इन दोनों भाइयों ने रोजी-रोटी और परिवार के गुजर-बसर के लिए सब्जी का ठेला लगाना शुरू कर दिया. यह दोनों खिलाड़ी मूलतः उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले हैं. लेकिन पिछले कई सालों से मेरठ के स्टेडियम कैंपस में रह रहे हैं और इनके पिता स्टेडियम में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे. लेकिन कोरोना काल में स्टेडियम बंद होने की वजह से उनकी रोजी-रोटी छिन गई जिससे घर में आर्थिक तंगी का संकट छा गया. इसी संकट को दूर करने के लिए दोनों भाइयों ने सब्जी का ठेला लगाना शुरू कर दिया.
इन दोनों खिलाड़ियों की परेशानी को एबीपी गंगा ने प्रमुखता से दिखाया था. जिसके बाद आज खेल मंत्रालय हरकत में आया और उसने दोनों भाइयों को पांच पांच लाख की आर्थिक मदद करने का ऐलान किया है. जिसके बाद दोनों खिलाड़ियों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने सरकार और खेल मंत्रालय का शुक्रिया अदा कर कहा कि देश को गोल्ड मेडल दिला कर यह कर्ज उतारेंगे.
I'm happy to announce that Sports Ministry has sanctioned Rs 5 lakh each for UP archer Neeraj Chauhan and boxer Sunil Chauhan under the Deen Dayal Upadhyay Fund. The athletes had a acute financial crisis because their father lost his livelihood during the pandemic. pic.twitter.com/b8XnxoyHHU
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) October 6, 2020
इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट कर दी जिसके बाद परिजनों में खुशी की लहर है. इन दो खिलाड़ियों का कहना है कि अब वह दिन रात पूरी लगन से अपने खेल पर ध्यान देंगे और जल्द ही देश को गोल्ड मेडल दिलाने का प्रयास करेंगे.
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