गुजरे एक साल में एबीपी गंगा ने सिर्फ खबरें ही नहीं बल्कि सत्ता से उम्मीद रखने वाली आम जनता को सत्ता से संवाद के कई बड़े मंच दिये ताकी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की अनसुनी आवाजें सरकार तक पहुंच सकें
संवाद के इस प्रवाह में सिर्फ जनता के सवाल ही नहीं बल्कि जनप्रतिनिधियों के जवाब पर भी पूरा जोर रहा
अपने नाम की तरह की बीते एक साल में एबीपी गंगा के इस निर्बाध प्रवाह में खबरों के साथ जनसरोकार शामिल रहे तो... क्षेत्रीय और भाषाई अस्मिता की पहचान को भी बरकरार रखा
अपने सफर के इस छोटे से हिस्से में एबीपी गंगा ने अबतक समाज के हर वर्ग को आगे आने का पूरा मौका दिया.. खास तौर पर... समाज मे आधी आबादी की भागीदारी को बढ़ाने वाली उन महिलाओं को भी सामने लाया गया... जो पर्दे के पीछे रह कर महिला सशक्तिकरण की दिशा में मिसाल बनती जा रही हैं
15 अप्रैल 2019 को आरंभ हआ एबीपी गंगा का ये सफर अपनी धारा में इन तमाम आयामों को समेटे आज भी निर्बाध गति से जारी है..