ABP Shikhar Sammelan: मुख्तार अंसारी की मौत पर जयंत चौधरी ने दी पहली प्रतिक्रिया, कहा- रिपोर्ट आने दीजिए...
Mukhtar Ansari की गुरुवार को बांदा मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. मुख्तार साल 2021 से ही बांदा जेल में बंद था. बीते दिनों में दूसरी बार उसे अस्पताल लाया गया था.
ABP Shikhar Sammelan 2024: राष्ट्रीय लोकदल के नेता और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी ने बांदा में मुख्तार अंसारी की मौत पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि जांच तो होगी ही. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने दीजिए. अगर कोई दोषी होगा तो कानून के तहत कार्रवाई होगी. इसके अलावा जयंत ने एक अहम मुद्दा उठाया. एबीपी शिखर सम्मेलन में पत्रकार रोहित सिंह सावल के सवालों का जवाब देते हुए रालोद नेता ने कहा कि देश में कैपेसिटी से ज्यादा कैदी जेलों में हैं, इसका भी हल निकलना चाहिए. न्यायिक प्रक्रिया में देरी ठीक नहीं है. इसको भी देखना चाहिए.
इससे पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की मौत के मामले की उच्च स्तरीय जांच की शुक्रवार को मांग की.
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अंसारी का नाम लिए बिना शुक्रवार को पुलिस और न्यायिक अभिरक्षा में होने वाली मौतों पर सवाल उठाते हुए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच की मांग की.
बसपा प्रमुख मायावती ने मुख्तार की मौत के अगले दिन शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ''मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं, उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें.''
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को 'एक्स' पर कहा, ''हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है. सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या कैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा.''
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ''थाने में बंद रहने के दौरान - जेल के अंदर आपसी झगड़े में - जेल के अंदर बीमार होने पर- अदालत ले जाते समय- अस्पताल ले जाते समय- अस्पताल में इलाज के दौरान- झूठी मुठभेड़ दिखाकर- झूठी आत्महत्या दिखाकर- किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर, ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए.''