Gorakhpur News Today: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के 70वां राष्ट्रीय सम्मेलन गोरखपुर स्थित दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में रविवार (24 नवंबर) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुई.


एबीवीपी के राष्ट्रीय सम्मेलन को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधित भी किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि धर्मांतरण जैसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर लगाम लगाना हर 'राष्ट्रभक्त' का कार्य होना चाहिए. उन्होंने अपने संबोधन में नारा दिया "गर्व से कहो हम हिंदू हैं."






'रानी लक्ष्मीबाई को नहीं हरा पाए अंग्रेज'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन के दौरान भारतीय स्वतंत्र इतिहास पर चर्चा की. उन्होंने कहा, "राष्ट्रनायक महाराणा प्रताप ने भारत के स्वाभिमान और सम्मान का क्या परिचय होना चाहिए, यह करके दिखाया." इस मौके पर उन्होंने हिंदवी साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज और महारानी लक्ष्मी बाई का भी जिक्र किया. 


एक कविता जिक्र करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "1857 के प्रथम स्वतंत्रता समर में जब झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों के खिलाफ देश की स्वाधीनता के लिए लड़ी थीं, तो उनकी उम्र सिर्फ 26 साल थी और वह विजयी हुई थीं. अंग्रेज उन्हें परास्त नहीं कर पाए थे."


आजादी के नायकों को किया याद
युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा. इसका संदेश देने वाले सुभाष चंद्र बोस हों. चाहे फिर 'हे ईश भारतवर्ष में सौ बार मेरा जन्म हो कारण सदा ही मृत्यु का, देशोपकारक कर्म हो'- इसका उद्घोष करने वाले काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, ये सभी क्रांतिकारी युवा थे."


स्वतंत्रता संग्राग के नायकों को याद करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "वीर सावरकर दुनिया के पहले क्रांतिकारी हैं, जिन्हें एक ही जन्म में दो आजीवान कारावास की सजा हुई. उस समय वीर सावरकर की उम्र सिर्फ 28 साल थी." उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह चार 'साहिबजादे' के बलिदान की.


सीएम योगी ने कहा, "साहिबजादा अजीत सिंह, साहिबजादा जुझार सिंह, साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह ने बहुत ही कम उम्र में देश और धर्म के लिए लड़े. उस समय चारों साहिबाजदों की उम्र सिर्फ 7 से 14 साल के बीच थी." उन्होंने कहा, "इन सभी लोगों ने पूरी दुनिया को भारत की वैदिक परंपरा के बारे में संदेश दिया था और कहा था गर्व से कहो हम हिंदू हैं."


स्वामी विवेकनंद पर क्या कहा?
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, "स्वामी विवेकानंद सिर्फ 39 साल की उम्र तक जीवित रहे. उनके बारे में गुरु रविंद्र नाथ टैगोर ने कहा था कि अगर भारत को समझना है तो स्वामी विवेकानंद को पढ़ो." उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों एबीवीपी भाग लेता रहा है. 


मुख्यमंत्री ने कहा, "एबीवीपी के जरिये मुझे स्वंय अपने विद्यार्थी जीवन में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ था." उन्होंने आगे कहा, "एबीवीपी ने अपना स्लोगन भी दिया है- ज्ञान, शील, एकता. मुझे लगता है कि ज्ञानवान बनने के लिए इससे बड़ा आग्रह कोई दूसरा नहीं रहा होगा."


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