Radhika Khera News: कांग्रेस प्रवक्ता राधिका खेड़ा ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने दावा किया कि अयोध्या में रामलला के दर्शन करने को लेकर उनकी आलोचना इस स्तर तक पहुंच गयी कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यालय में उनके साथ हुई घटना में उन्हें न्याय देने से इनकार कर दिया गया.


खेड़ा ने यह भी दावा किया कि पार्टी के सभी शीर्ष नेताओं को कई बार सूचित करने के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला.


खेड़ा ने यह भी कहा कि धर्म का समर्थन करने वालों को हमेशा विरोध का सामना करना पड़ा है और इसी के साथ ही उन्होंने हिरण्यकश्यप, रावण और कंस का उदाहरण देते हुए कहा कि इनकी तरह ही कुछ लोग भगवान श्री राम का नाम लेने वालों का विरोध करते हैं.


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प्रमोद कृष्णम ने क्या कहा?
पूर्व कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा के कांग्रेस से इस्तीफे पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि 'जो राष्ट्रभक्त, रामभक्त होगा, जो सनातन को मानेगा वह कांग्रेस में नहीं रह सकता. अभी बहुत लंबी लिस्ट है, 4 जून आते-आते और भी बड़े नेता पार्टी छोड़ने को तैयार हैं क्योंकि जो इस देश की बात करेगा वह कांग्रेस में नहीं रह सकता, जो पाकिस्तान के गीत गाएगा वह कांग्रेस में रहेगा..."


उधर खेड़ा के आरोपों पर कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि उन्हें थोड़ा इंतजार करना चाहिए था. मैंने रिपोर्ट दे दी थी.  उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं जांच की और रिपोर्ट भी भेज दी है. उन्हें(राधिका खेड़ा) थोड़ा इंतजार कर लेना चाहिए था. देख लेना चाहिए था कि न्याय मिल रहा है या नहीं. इतनी जल्दबादी क्यों?... राधिका खेड़ा भाजपा की लिखी हुई स्क्रिप्ट को पढ़कर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं.


इन सबके बीच पार्टी सूत्रों ने बताया कि 30 अप्रैल को रायपुर में पार्टी कार्यालय में वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा के दौरे को लेकर खेड़ा और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार प्रकेष्ठ के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला के बीच बहस हुई थी. बाद में खेड़ा का एक वीडियो भी सार्वजनिक हुआ था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनके साथ अभद्र बर्ताव किया गया.