Kanwar Yatra Nameplate Controversy: कांवड़ यात्रा के नेमप्लेट विवाद पर सोमवार (22 जुलाई) को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के आदेश में अंतरिम रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का समाजवादी पार्टी के प्रमुख और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने स्वागत किया है और एक्स पर इसकी खुशी जाहिर की है. तो वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पलटवार किया है.
अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेमप्लेट मामले में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करने और आदेश पर अंतरिम रोक लगाने के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा, एक नयी ‘नाम-पट्टिका’ पर लिखा जाए : सौहार्दमेव जयते!''
आचार्य प्रमोद ने साधा निशाना
अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया तो वहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए एक्स पर लिखा, ''निहत्थे “कारसेवकों” पर गोलियां चलवाना, कौन से “सौहार्द” का हिस्सा था @yadavakhilesh जी.'' कारसेवकों का जिक्र करते हुए आचार्य प्रमोद ने सपा चीफ अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. दोनों के ये बीच चल रही ये वार एक्स पर देखने को मिली, जहां अखिलेश यादव के बाद आचार्य प्रमोद ने एक्स पर ट्वीट करते हुए सपा चीफ आड़े हाथों लिया है.
बीजेपी के सहयोगी दलों ने उठाए सवाल
दरअसल, कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने को लेकर एक नया नियम लागू किया गया था. सबसे पहले योगी सरकार की तरफ से इसको लागू किया गया फिर उत्तराखंड सरकार की तरफ से अपने प्रदेश में आदेश दिए थे, जिसके बाद पूरे भारत में विवाद शुरू हो गया था. योगी सरकार और धामी सरकार के इस फैसले का जमकर विरोध हो रहा था. खुद बीजेपी के सहयोगी दल के नेता भी इस फैसले का विरोध कर रहे थे. जैसे संजय निषाद, जयंत चौधरी और चिराग पासवान ने भी सीएम योगी के इस फरमान का विरोध किया था.
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