Bulandshahr News: कांवड़ यात्रा मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों पर स्पष्ट नाम लिखने के योगी सरकार के आदेश पर सियासत गरमाई हुई है. अब इस मामले पर पूर्व कांग्रेस नेता और कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णन ने बुलंदशहर में विपक्षियों को घेरा है. कांवड़ यात्रा में दुकानदारो को अपनी पहचान बताने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, जो सच है वो सामने आना चाहिए, नाम छुपाने में, पहचान छुपाने में फायदा क्या है.


उन्होंने यूपी सरकार के आदेश का समर्थन करते हुए कहा कि हम किसी को धोखा देकर क्यों कोई सामान बेचे. मुझे नही लगता देश के किसी भी समाज को किसी भी व्यक्ति को अपनी पहचान छुपाने के जरूरत है. ये जो राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे है ये तो जातीय जनगणना की मांग कर रहे थे. ये खुद कहते थे अपनी जाति बताओ. पूरा चुनाव बीता है ये तो नरेंद्र मोदी पर हमला करते थे. कल जाति ने नाम पर कहते थे जनगणना करो,  आज कहते हैं पहचान छुपाओ. ये जो विपक्ष है इसकी मति मारी गई है दो चार शहजादे इकठ्ठे होकर इनका काम है सरकार का विरोध करना, भारत का विरोध करना भारत के प्रधानमंत्री से नफरत करना.


आचार्य प्रमोद कृष्णनम ने कहा कि, कांवड़िया बड़ी पवित्र भावना के साथ जल लेकर आते हैं.  वो तपस्या करता है, इससे बड़ी तपस्या नहीं हो सकती है. कहा कि उन तपस्यियों के साथ छल कपट न करो. भारत का कानून कहता है कि आप अपनी पहचान छिपाओ मत. उन्होंने कहा कि आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड क्यों बना हुआ है. हर जगह आपको अपनी आई देनी ही पड़ती है. उन्होंने सवाल उठाया है कि पहचान छिपाकर हासिल क्या होगा.


अखिलेश यादव पर साधा निशाना
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के 100 MLA ले आओ सरकार बनाओ वाले बयान पर शायराना अंदाज में पलटवार किया है. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि दिल बहलाने के लिए गालिब ये ख्याल अच्छा है. उन्होंने कहा कि गाँव मे कहावत है थी कि बिल्ली को इंतजार रहता है कि छीका टूटेगा, और कभी कभी बिल्ली के भाग्य से छीका टूट भी जाता है. अब तो बिलोटे भी इंतजार कर रहे है छीका टूटने का. कोई छीका नही टूटेगा, जिस छीके की डोर राम नाम की होती है वो टूटेगा नही.


ये भी पढ़ें: बस्ती में जमीनी विवाद में चले लाठी-डंडे, दबंगों ने फोड़ा महिला का सिर, पुलिस ने दर्ज किया केस