Ayodhya Saints Reaction on Akhilesh Yadav Statement: समाजवादी पार्टा (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) कल देर शाम अयोध्या (Ayodhya) पहुंचे और उन्होंने बड़ा बयान दे डाला. अखिलेश यादव ने कहा कि एक समय था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी गईं, बीजेपी कुछ भी कर सकती है और कुछ भी करा सकती है. अखिलेश ने यहां तक कहा कि, हमारे हिंदू धर्म में कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया. अब सपा सुप्रीमो के इस बयान पर अयोध्या के संतों ने नाराजगी व्यक्त की है. संत समाज ने कहा कि तुष्टीकरण की राजनीति करते-करते अखिलेश यादव केवल नाम के हिंदू (Hindu) रह गए हैं, वो मन से मुस्लिम (Muslim) हो चुके हैं. अखिलेश यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. अखिलेश यादव हमेशा मुस्लिम तुष्टिकरण का काम करते हैं उनको बहुसंख्यक समाज की भावनाओं से कोई मतलब नहीं है. संत समाज ने अपील की है कि, सभी सनातन धर्म के हिंदू भाई-बहन समाजवादी पार्टी से दूरी बना लें. अखिलेश यादव के बयान ने ये सिद्ध कर दिया है कि अखिलेश यादव वर्ग विशेष की टोपी ही नहीं लगाते बल्कि अंदर से भी वो हिंदू धर्म छोड़ चुके हैं.
आस्था से खिलवाड़
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) ने कहा कि 23 दिसंबर 1949 को हमारे यहां भगवान रामलला प्रकट हुए. हमारे यहां भगवान प्रकट होते हैं, चुपके से रखा नहीं जाता. ये उनका कहना गलत है और फिर वो बीजेपी पर आरोप लगाते हैं बीजेपी सत्ता में नहीं थी. बीजेपी कोई पार्टी ही नहीं बनी थी. 1949 की घटना है और झूठ बोलकर आरोप लगाकर इस तरह का बयान एक पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को नहीं देना चाहिए. आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि ये हमारी आस्था से खिलवाड़ है.
हमेशा हिंदू विरोधी बातें करते हैं अखिलेश
सरयू नित्य आरती के अध्यक्ष शशिकांत दास ने कहा अखिलेश यादव हमेशा हिंदू विरोधी बातें करते हैं. मुलायम सिंह पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि ये उन्हीं के पुत्र हैं जिन्होंने राम भक्तों पर गोली चलवाई थी. ये केवल मुस्लिम समाज के लाभ की बात करते हैं. शशिकांत दास ने कहा कि अखिलेश यादव का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है, ये केवल नाम के ही हिंदू रह गए हैं. अखिलेश के ह्रदय में अब हिंदुत्व नहीं रह गया है.
हिंदू पक्ष की बात नहीं करेंगे
शशिकांत दास ने कहा मुस्लिमों का पक्ष लेते-लेते अब अखिलेश यादव मुसलमान हो चुके हैं. पीपल के वृक्ष की धार्मिक मान्यताएं हैं, उसकी पूजा वासुदेव के रूप में होती है. हमारे यहां सनातन धर्म में हर पूजा में पीपल के वृक्ष और उसके पत्तियों का इस्तेमाल होता है. महंत शशिकांत दास ने कहा कि अखिलेश यादव मुलायम सिंह के पुत्र हैं, वो हिंदू पक्ष की बात नहीं करेंगे. समाजवादी पार्टी का स्तर लगातार गिर रहा है. अखिलेश यादव की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है जो देवी देवताओं और भगवान को लेकर भी अब अनाप शनाप बयान दे रहे हैं.
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