Satyendra Das on Babri Masjid Demolition Day: आज 6 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के लिए ऐतिहासिक और बेहद संवेदनशील दिन माना जाता है. आज के ही दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया गया था. अब तक मुस्लिम समाज इस दिन को 'काला दिन' और हिन्दू समाज के लोग इस शौर्य दिवस के रूप में मनाते आए हैं. जिसे लेकर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. उन्होने कहा कि राम मंदिर बनने के बाद ये सब खत्म हो गया है.
आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि "जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया गया था, तो हिंदू लोग इस दिन को 'शौर्य दिवस' के रूप में मनाते थे और मुस्लिम उस दिन को 'गम दिवस' के रूप में मनाते थे. लेकिन, जब से सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है, तब से सब कुछ ठंडा पड़ गया है. उन्हें एहसास हो गया है कि ये कोर्ट का आदेश था और अब वे कुछ नहीं कर सकते. जिसके बाद वो अब इसे गम दिवस के रूप में नहीं मनाते हैं.
राम मंदिर बनने के बाद सब बंद हुआ
उन्होंने कहा कि अब से 6 दिसंबर एक ऐतिहासिक दिन हो गया है कि उस दिन ये ढांचा गिरा था. ढांचा गिरने के बाद अब उसका न गम दिवस रह गया है और न ही शौर्य दिवस रह गया है. कोर्ट के आदेश पर अब वहां पर राम मंदिर का निर्माण हो गया है. मंदिर बन जाने के बाद बाद प्राण प्रतिष्ठा भी हो गई है. तो अब तक जितने भी विवाद रहे और जो भी कुछ रहा वो सब समाप्त हो गया. अब वहां एकमात्र रामलला का मंदिर है और इस मंदिर में सब लोग दर्शन कर रहे हैं. छह दिसंबर अब एक ऐतिहासिक दिन रह गया हैं और ये सब बंद हो गया है.
बता दें कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को विवादित बाबरी मस्जिद के ढांचे को कार सेवकों ने ढहा दिया था. जिसके बाद से ये काफी संवेदनशील दिन हो गया. हर साल इस दिन अयोध्या समेत तमाम बड़े शहरों में भारी सुरक्षा व्यवस्था की जाती है, ताकि प्रदेश में शांतिपूर्ण माहौल सुनिश्चित किया जा सके और कोई अराजक तत्व कोई हरकत न करें.
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