आगरा: पति और पत्नी की बेमिसाल मोहब्बत का नाम है करवा चौथ. पूरा देश आज करवा चौथ का त्यौहार मना रहा है. इस खास मौके पर एबीपी गंगा की टीम ने बात की कुछ ऐसी महिलाओं और युवतियों से जिनकी जिंदगी में आए तूफान ने उनकी पूरी जिंदगी को बदलकर रख दिया.


समाज को भी संदेश दे रही हैं ये फाइटर्स
हम बात कर रहे हैं आगरा के ताजगंज इलाके में शीरोज हैंग आउट कैफे में काम करने वाली उन एसिड अटैक फाइटर्स की जिन पर तेजाब से हमला किया गया और उसके बाद उनकी जिंदगी नर्क से बदतर हो गई. लेकिन, इन महिलाओं ने अपने आप को संभाला और आज वो पहले से बेहतर स्थिति में है. इतना ही नहीं ये एसिड अटैक फाइटर्स समाज को भी मजबूत संदेश दे रही हैं.


1997 में हुआ था एसिड अटैक
इस कैफे में साल 2016 से काम करने वाली मधु का कहना है कि उन पर साल 1997 में एसिड अटैक हुआ था और उनकी जिंदगी बेहद भयावह हो गई थी. लेकिन, इसी दौरान एक शख्स ने उनका हाथ थामा और आज वो करवा चौथ के त्यौहार को पूरी तन्मयता से मनाती हैं. इतना ही नहीं मधु निर्जला व्रत भी रखती हैं. मधु ने करवा चौथ पर मेहंदी भी लगाई है.


पति ने किया हमला
वहीं, दूसरी एसिड फाइटर गीता का कहना है कि साल 1992 में उन पर तेजाब पर हमला हुआ. उन्होंने जिंदगी में एक बार व्रत रखा था लेकिन दोबारा रखना नहीं चाहा. क्योंकि, उनके पति ने उन पर तेजाब से हमला किया था. गीता बताती हैं कि शराब पीने का विरोध करने पर पति ने उनपर हमला किया था.


पति और पत्नी के प्रेम का प्रतीक
वहीं, अन्य एसिड अटैक फाइटर्स का कहना है करवा चौथ का प्यार का त्यौहार है. समाज में हर तरह के लोग होते हैं जिसने हम पर अटैक किया वो भी लड़का है और जिसके लिए हम व्रत रखते हैं वो भी एक लड़का ही है. हर तरह के लोग इस समाज में रहते हैं. लेकिन ये त्यौहार पति और पत्नी के प्रेम का प्रतीक है.



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