अतीक गैंग के असलम पर होने वाली थी बड़ी कार्रवाई, कोर्ट में लगी याचिका से बची शातिर अपराधी की संपत्ति
बाहुबली अतीक अहमद के एक और करीबी बदमाश पर सरकार बड़ी कार्रवाई करने जा रही थी लेकिन कोर्ट में मामला लंबित होने से इस शातिर अपराधी की संपत्ति बच गई. इससे पहले प्रशासन के बुलडोजर मौके पर पहुंच गये थे.
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में माफियाओं- बाहुबलियों और दूसरे अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन नेस्तनाबूद के तहत संगम नगरी प्रयागराज में सोमवार को भी एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया जाने वाला था लेकिन कोर्ट मामला लंबित होने के चलते बच गया. इसके तहत माफिया घोषित किए गए पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद के बेहद करीबी और उसके गैंग के सक्रिय सदस्य मोहम्मद असलम उर्फ मंत्री के आलीशान आशियाने को गिराने की कार्रवाई दोपहर करीब सवा बारह बजे शुरू की गई थी. हालांकि इससे जुड़ा मामला हाईकोर्ट में दाखिल होने की वजह से कार्रवाई को 10 मिनट बाद ही रोक दिया गया. तब तक विकास प्राधिकरण के तीन बुलडोजर सिर्फ बाउंड्री वाल ही गिरा सके थे. मकान के बाहरी हिस्से पर जैसे ही बुलडोजर चलने शुरू हुए, तभी कार्रवाई रोक दी गई.
बैंक ने जताई आपत्ति
बताया जा रहा है कि असलम उर्फ़ मंत्री ने कार्रवाई से बचने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर रखी है. इसके साथ ही मकान को बनवाने के लिए मंत्री ने जिस बैंक से लोन लिया था उस बैंक ने भी अपने लोन को लेकर आपत्ति जताई है.
असलम पर कई मुकदमे दर्ज हैं
कोर्ट में मामला पेंडिंग होने की वजह से सरकारी अमले ने कार्रवाई फिलहाल रोक दी है. कार्रवाई आगे होगी या नहीं इसे लेकर फिलहाल संशय बना हुआ है. विकास प्राधिकरण के अफसरों के मुताबिक असलम उर्फ मंत्री शातिर अपराधी है और उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं. इतना ही नहीं वह माफिया घोषित किए गए पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद का बेहद करीबी है और उसके गैंग का सक्रिय सदस्य भी है. अतीक अहमद के घर से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर है उसने ढाई सौ वर्ग गज से ज्यादा की जमीन पर दो मंजिल का आलीशान मकान तैयार करा रखा है.
बिना नक्शा पास किये बनाया गया था मकान
इस निर्माण के लिए विकास प्राधिकरण से ना तो मंजूरी ली गई थी और ना ही नक्शा पास कराया गया था. सूबे में इन दिनों अपराधियों और बाहुबलियों के खिलाफ जो कार्रवाई चल रही है उसी के तहत आज सरकारी अमला तीन बुलडोजर के जरिए असलम उर्फ मंत्री के मकान को जमींदोज कर रहा था. यह मकान धूमनगंज क्षेत्र के कसारी मसारी इलाके में बनाया गया था. आरोप यह भी है कि मंत्री ने अपराध से के जरिए कमाए गए पैसे से यह संपत्ति अर्जित की थी.
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