UP Politics: स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी पर विवादित टिप्पणी कर सुर्खियों में हैं. उनके बयान की निंदा सियासी हलकों से लेकर सड़कों पर भी हो रही है. विरोधी अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से स्वामी प्रसादी मौर्य के बयान पर रुख स्पष्ट करने का दबाव बना रहे हैं. चुनावी तैयारियों के बीच मध्य प्रदेश पहुंचे अखिलेश यादव का मीडिया से सामना हो गया. स्वामी प्रसाद मौर्य पर एक्शन के सवाल को सपा प्रमुख अखिलेश यादव टालते नजर आए. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की बात नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की बात है. उन्होंने सवाल का साफ जवाब देने के बजाय जाति जनगणना का राग छेड़ दिया.
स्वामी प्रसाद मौर्य पर क्या कार्रवाई होगी?
अखिलेश यादव ने मांग की कि आबादी के हिसाब से पिछड़ों का अधिकार और 27 फीसद आरक्षण मिले. एक सवाल के जवाब में उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को क्लीन चिट दे दी. सवाल था कि क्या स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी के एजेंट हैं? अखिलेश यादव ने कहा कि कोई किसी का एजेंट नहीं होता. उनके विचार अलग होने की वजह से कुछ लोग सहमत नहीं हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्रवाई के सवाल को टालते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश का सवाल है. इसलिए उत्तर प्रदेश में तय होगा.
अखिलेश यादव ने सवाल पर साधी चुप्पी
मामला मध्य प्रदेश का नहीं है. बता दें कि स्वामी प्रसाद लक्ष्मी देवी पर बयान देकर बुरे फंस गए हैं. विरोधियों को अखिलेश यादव से कार्रवाई की उम्मीद थी. अखिलेश यादव ने कार्रवाई के सवाल पर चुप्पी साध ली. हालांकि खुद सपा का एक गुट स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की आलोचना कर रहा है. बीजेपी ने विरोध में मोर्चा खोल दिया है. विवादों में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए अखिलेश यादव का बयान राहत देनेवाला हो सकता है.