कानपुर: क्या डाक टिकटों पर गुंडो-माफियाओं के चित्र छप सकते हैं? वैसे तो नहीं लेकिन व्यवस्था में खामी हो तो ऐसा जरूर हो सकता है. कानपुर में यही हुआ है. यहां प्रधान डाकघर से अंतर्राष्ट्रीय माफिया छोटा राजन और बागपत जेल में गैंगवार में मारे गए मुन्ना बजरंगी के डाक टिकट बन गए. इन टिकटों के जरिए देश में कहीं भी चिट्ठयां भेजी जा सकती हैं. मामला सामने आने के बाद जांच के आदेश दे दिये हैं. वहीं डाक सहायक को सस्पेंड कर दिया गया है.


भारतीय डाक विभाग की 'माई स्टैंप' योजना के तहत छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के डाक टिकट छाप दिए गए. पांच रुपए वाले 12 डाक टिकट छोटा राजन और 12 मुन्ना बजरंगी के हैं. डाक विभाग को इसके लिए निर्धारित 600 रुपए फीस अदा की गई. योजना के तहत टिकट छापने से पहले न फोटो की पड़ताल की गई न किसी तरह का प्रमाणपत्र मांगा गया. ऐसे में कभी कोई अराजक तत्व देश के दुश्मनों का डाक टिकट भी छपवा सकता है. ऐसी शर्मिंदा करने वाली परिस्थिति न आए, इसके लिए विभाग को 'माई स्टैंप' योजना के नियम-कायदे सख्त करने होंगे.


ये है माई स्टैंप योजना


2017 में केंद्र सरकार ने माई स्टैंप योजना शुरू की थी. इस योजना को विश्व फिलैटली प्रदर्शनी के दौरान शुरू किया गया. इसके तहत 300 रुपये शुल्क जमा करके आप अपनी या अपने परिजनों की तस्वीरों वाले 12 डाक टिकट जारी करवा सकते हैं. ये डाक टिकट अन्य डाक टिकटों की तरह मान्य होते हैं. इन डाक टिकटों को चिपका कर आप देश के किसी भी कोने में डाक भेज सकते हैं.


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